Aravali, Faridabad House Demolition: वन भूमि पर अवैध निर्माण करने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने दिया तगड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर साफ कर दिया कि वन भूमि पर अवैध निर्माण करने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी। अगर वन भूमि पर अवैध निर्माण है तो वह हटाया जाएगा। कोर्ट ने नगर निगम से कहा कि वह अवैध निर्माण हटाने का काम जारी रखे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 12:41 PM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 12:41 PM (IST)
Aravali, Faridabad House Demolition: वन भूमि पर अवैध निर्माण करने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने दिया तगड़ा झटका
वन भूमि से अवैध निर्माण हटाने का काम जारी रहना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

फरीदाबाद/ नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर साफ कर दिया कि वन भूमि पर अवैध निर्माण करने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी। अगर वन भूमि पर अवैध निर्माण है तो वह हटाया जाएगा। सोमवार को कुछ मैरिज हाल मालिकों की नगर निगम की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग ठुकराते हुए कोर्ट ने कहा कि वे नगर निगम को ज्ञापन दें। लेकिन अगर वन भूमि पर अवैध निर्माण है तो वह हटेगा।

कोर्ट ने नगर निगम से कहा कि वह अवैध निर्माण हटाने का काम जारी रखे। दूसरी ओर फरीदाबाद नगर निगम ने वन भूमि से अवैध कब्जा हटाने के आदेश के अनुपालन की जानकारी देते हुए कोर्ट को बताया कि 150 एकड़ वन भूमि खाली करा ली गई है। इसके अलावा अवैध रूप से बने 10 फार्म हाउस भी ढहाए गए हैं। कोर्ट मामले पर छह सितंबर को फिर सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद के खोरी गांव में वन भूमि से अवैध निर्माण हटाकर इसे खाली कराने का फरीदाबाद नगर निगम को आदेश दिया था। कोर्ट ने नगर निगम को 23 अगस्त तक आदेश पर अमल करके अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने उसी समय कह दिया था कि वन भूमि पर कोई भी अवैध कब्जा और अवैध निर्माण नहीं रहना चाहिए। कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए नगर निगम ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल कर कार्रवाई का ब्योरा दिया है।

सोमवार को न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई की। फरीदाबाद नगर निगम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरुण भारद्वाज ने कोर्ट को बताया कि नगर निगम ने 150 एकड़ वन भूमि से अवैध कब्जे हटा कर जमीन खाली करा ली है। नगर निगम ने अवैध झुग्गियों के अलावा वन भूमि पर बने अवैध फार्म हाउसों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। 10 फार्म हाउस ढहाए गए हैं और सोमवार व मंगलवार को भी अवैध फार्म हाउसों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

सुनवाई के दौरान कुछ मैरिज हाल की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से नगर निगम की ओर से भेजे गए नोटिस और कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की। कोर्ट ने उनसे कहा कि वह अपना ज्ञापन नगर निगम को दें। नगर निगम उस पर विचार करेगा। लेकिन अगर निर्माण अवैध है तो हटेगा। कोर्ट ने निगम से कहा कि वन भूमि पर जो भी अवैध निर्माण है, वह हटाया जाना चाहिए।

इस बीच हरियाणा सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से मामले की सुनवाई दो-तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार ज्ञापनों पर विचार कर रही है। कोर्ट ने उनके अनुरोध पर मामले की सुनवाई छह सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। निगम ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अनुपालन रिपोर्ट में कहा है कि ढहाए गए निर्माण का मलबा हटाने में कुछ समय लगेगा। मलबे को नियम कानूनों के तहत निस्तारित किया जाएगा। मलबा निस्तारित करने के लिए एक प्लांट भी लगाए जाने का प्रस्ताव है।

निगम ने यह भी कहा है कि अवैध निर्माण हटाने में मानवीय पहलू का ध्यान रखा गया और हटाए गए लोगों के अस्थायी तौर पर खाने-पीने और आश्रय की व्यवस्था भी की गई थी। नगर निगम ने कहा है कि 150 एकड़ भूमि से अवैध निर्माण हटा दिया गया है। लेकिन छह एकड़ जमीन नगर निगम ने हरियाणा पर्यटन विभाग को बेच दी थी।

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