Aravalli News Update: सितंबर की बारिश से अरावली में फूट पड़े झरने, पानी रोकने के लिए बन रहे बांध
Aravalli News Update अनखीर गांव के पीछे अरावली पहाड़ी में एक खान में लगातार झरना बहने की वजह से पानी लबालब हो गया है। पानी यहीं रोकने के लिए सेव अरावली संस्था के सदस्यों ने बांध तैयार कर दिया है।
फरीदाबाद [प्रवीन कौशिक]। सितंबर में हुई झमाझम बारिश से अरावली पहाड़ी का कण-कण खिल उठा है। जगह-जगह बह रहे झरने किसी फिल्मी सीन को दर्शा रहे हैं। इनकी वजह से ही सूख चुकी कई खान अब झील में रूप में तब्दील हो गई हैं। अनखीर गांव के पीछे अरावली पहाड़ी में एक खान में लगातार झरना बहने की वजह से पानी लबालब हो गया है। पानी यहीं रोकने के लिए सेव अरावली संस्था के सदस्यों ने बांध तैयार कर दिया है। करीब 50 फुट लंबा और 15 फुट ऊंचा बांध बनने के लिए खान में 20 फुट गहरा पानी भरा हुआ है।
बह रहा था सारा पानी
इस खान से झरने का पानी बहकर गांव के रास्ते नाले में जा रहा था। शनिवार को सेव अरावली संस्था के सदस्य कैलाश बिधुड़ी सहित अन्य मौके पर पहुंच गए। अर्थमूवर की वजह से पानी निकलने वाले रास्ते पर पास पड़ा मलबा डालकर 15 फुट ऊंचा बांध तैयार किया गया। बांध के ऊपर दो सीमेंटिड पाइप लगाए गए, ताकि झील से पानी ओवरफ्लो हो तो इनके माध्यम से आगे निकल जाए। इससे बांध नहीं टूटेगा।
कैलाश ने बताया कि इस तरह झील में पानी रुकने से इसका सीधा असर भूजल स्तर पर पड़ता है। इसलिए वह जगह-जगह देख रहे हैं कि झरनों का पानी किस तरह कहां-कहां रोका जा सकता है। कुछ दिन पहले सेव अरावली की टीम ने एक बांध की मरम्मत की थी।
एफएमडीए की टीम ने किया निरीक्षण
झरने बहने की सूचना मिलने पर फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के तकनीकी सलाहकार ललित अरोड़ा, कार्यकारी अभियंता अरविंद सहित अन्य ने अरावली पहाड़ी का निरीक्षण किया था। मौके पर कैलाश बिधुड़ी को बुलाया गया। उन्होंने टीम को तीन से चार घंटे पहाड़ी के अंदर घुमाया।
टीम को बताया गया कि किस तरह झरनों के पानी को बड़खल झील तक पहुंचाया जा सकता है। कुछ अवैध फार्म हाउस व बैंक्वेट हाल सहित अन्य निर्माणों की वजह से झरनों का प्राकृतिक बहाव प्रभावित हो रहा है। इस कारण पानी बड़खल झील तक नहीं पहुंच पा रहा। एफएमडीए के अधिकारियों ने अरावली में नहर का निर्माण कर बारिश के पानी को बड़खल झील तक पहुंचाने की योजना बनाने का आश्वासन दिया। कैलाश ने बताया कि यदि प्रशासन साथ दे तो अरावली में बारिश के पानी का संरक्षण खूब हो सकता है।