Kanpur Encounter Case: क्या यूपी पुलिस में अब भी मौजूद हैं हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के 'शुभचिंतक'

Kanpur Encounter Case हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस भी विकास दुबे के इस शातिराना पैंतरेबाजी से सकते में है।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 08:37 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 07:33 AM (IST)
Kanpur Encounter Case: क्या यूपी पुलिस में अब भी मौजूद हैं हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के 'शुभचिंतक'
Kanpur Encounter Case: क्या यूपी पुलिस में अब भी मौजूद हैं हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के 'शुभचिंतक'

फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]।  Kanpur Encounter Case: शुक्रवार से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश को चकमा दे रहा सूबे का मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे मंगलवार रात को हरियाणा पुलिस पर भी भारी पड़ गया। विकास दुबे के फरीदाबाद के होटल में छिपे होने की सूचना पर छापेमारी के लिए उत्तर प्रदेश विशेष जांच दल (Uttar Pradesh Crime Branch) और फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम पहुंचती, इससे पहले ही विकास दुबे फरार हो गया। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस भी विकास दुबे के इस शातिराना पैंतरेबाजी से सकते में है। 

विकास के करीबियों की तलाश तेज

क्या यूपी पुलिस में मौजूद विकास दुबे के शुभचिंतक अभी भी उस तक सूचनाएं पहुंचा रहे हैं? पुलिस छापेमारी से महज आधा घंटा पहले हरी नगर में अंकुर के घर से उसका निकल जाना तो इसी तरफ इशारा कर रहा है। फरीदाबाद पुलिस की टीम भी हैरान है कि कैसे विकास दुबे को छापेमारी की सूचना मिल गई और उन्हें हाथ मलना पड़ा। फरीदाबाद पुलिस पूरी तरह आश्वस्त है कि विकास दुबे की तलाश में छापेमारी की सूचना जिले से बाहर किसी को नहीं थी। ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं यहां भी तो पुलिस में उसके शुभचिंतक नहीं। ऐसा भी हो सकता है कि यहां से किसी ने यूपी पुलिस में उसके शुभचिंतकों को सूचना दी। वहां से उसे आगाह कर दिया गया। सवाल यह भी है कि शुभचिंतकों ने सूचना पहुंचाने के लिए आखिर किस माध्यम का प्रयोग किया। अगर फोन के माध्यम से सूचना दी गई तो यह पुलिस के लिए अहम साबित हो सकता है। तकनीकी छानबीन से पुलिस शुभचिंतकों की पहचान कर सकती है।

यूपी और हरियाणा पुलिस पर भारी पड़ा विकास का नेटवर्क

एनकाउंटर के दिन यानी 3 जुलाई से उत्तर प्रदेश पर भारी पड़ रहा विकास दुबे फरीदाबाद के होटल में 5 जुलाई से ही रह रहा था। इस दौरान वह अपने बेहद करीबी के जरिये दिल्ली की कोर्ट में आत्मसमर्पण करने की तैयारी में था। इसके लिए विकास दुबे की बाकायदा वकील से बातचीत भी चल रही थी। बताया जा रहा है कि विकास दुबे अपने गुर्गों के जरिये दिल्ली-एनसीआर में यूपी पुलिस की होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थे। मंगलवार दिनभर मीडिया पर यह खबर चली कि विकास दुबे दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय है। इसके बाद यूपी एसटीएफ, दिल्ली पुलिस स्पेशल और हरियाणा पुलिस सक्रिय हो गईं। इसके बाद विकास दुबे को भनक लग गई कि अगर वह नहीं भागा तो उसका एनकाउंटर भी हो सकता है। ऐसे में 5 जुलाई से फरीदाबाद के होटल में ठहरे विकास दुबे ने यहां से फरार होने की तैयारी कर ली। यही वजह कि एसटीएफ और हरियाणा पुलिस को मंगलवार शाम विकास दुबे के होटल में होने की खुफिया जानकारी लगी तो वह और सक्रिय हो गया। मंगलवार रात को विकास दुबे का नेटवर्क यूपी और हरियाणा पुलिस पर भारी पड़ गया और वह वहां से फरार होने में कामयाब रहा। होटल के सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है  कि एक शख्स जो हुबहू विकास दुबे जैसा है, होटल से जाता नजर आ रहा है।

होटल प्रबंधन और स्टाफ को भी दिया चकमा

यूपी के जिस मोस्ट वॉन्टेड हिस्ट्रीशीटर की तस्वीरें पिछले 4 दिन से सोशल मीडिया से लेकर अखबारों और टेलीविजन न्यूज  चैनलों पर सुर्खियां बंटोरी रहीं, होटल प्रबंधन उस विकास दुबे की शक्ल-सूरत से अनजान रहा। कहानी फिल्मी लगती है, लेकिन सच के बेहद करीब है। वैसे होटल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे 6 जुलाई को ही होटल आयो आया था। 

किसी और के नाम पर बुक था होटल का कमरा

विकास दुबे के होटल में रहने की भनक यूपी और हरियाणा पुलिस को नहीं लगे, इसलिए विकास और उसके करीबियों के लिए एक कमरा फरीदाबाद की भारत कॉलोनी निवासी परिचित ने बुक कराया था। पुलिस से बचाव के मद्देनजर होटल के कमरे की ऑन लाइन बुकिंग की गई और भुगतान क्रेडिट कार्ड से किया गया। होटल के रजिस्टर में दीपक दुबे का नाम, पता और परिचय पत्र भी फर्जी दिया गया था।  

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