Painter Adipriya: कलाकार आदिप्रिय के हुनर का कमाल, 14 साल की उम्र में विदेश में कमाया नाम

वर्ष 2019 में दुबई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में आदिप्रिय ने अपनी कला का प्रदर्शन किया था। 14 वर्ष की कला देखकर विभिन्न देशों से आए कलाकार भी हैरान थे। उन्होंने पेंटिंग में दुबई के विभिन्न धार्मिक स्थलों इस्लामिक धर्म की मान्यताओं को दर्शाने के साथ अल्लाह-हू-अकबर लिखा था।

By JP YadavEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 07:34 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:53 AM (IST)
Painter Adipriya: कलाकार आदिप्रिय के हुनर का कमाल, 14 साल की उम्र में विदेश में कमाया नाम
14 वर्ष के पेंटर आदिप्रिय की फाइल फोटो।

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। जिस उम्र में बच्चों को खेलने-कूदने और मौज मस्ती के अलावा कुछ नहीं सूझता उस उम्र में महज 14 वर्ष के नहरपार स्थित नई पुलिस लाइन के निवासी आदिप्रिय रंगों व कूची से खेलने में माहिर हो गए हैं। रंगों के नन्हे जादूगर आदिप्रिय कला क्षेत्र में इतने पारंगत हो चुके हैं कि उन्हें देश-विदेश में होने वाली कला प्रदर्शनी में आमंत्रित किया जाता है। इस वर्ष उन्हें 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' ने यंगेस्ट नेवी आर्टिस्ट 2019 से सम्मानित किया है। हैरत की बात यह है कि आदिप्रिय प्रिय ने पेंटिंग बनाने का प्रशिक्षण कहीं से भी नहीं लिया है।

ढाई वर्ष पूर्व शुरू हुआ था सिलसिला

आदिप्रिय सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल के छात्र हैं। ढाई वर्ष पूर्व ग्रीष्मावकाश के दौरान उन्हें पेंटिंग बनाने का गृह कार्य दिया गया था। उस समय सेव द गर्ल चाइल्ड पर पेंटिंग बनाई थी। उनके पिता प्रीतम ने पेंटिंग को काफी सराहा, साथ ही इसे और अधिक बेहतर बनाने को कहा। वह पेंटिंग स्कूल में भी सराही गई और उसके स्कूल के रिसेप्शन पर लगाया गया। यहां से आदिप्रिय को प्रोत्साहन मिला और कला के प्रति रुचि बढ़ती चली गई। आदिप्रिय अब रंगों के अलावा आयल, एक्रीलिक, हाईपर रियलस्टिक, चारकोल पेंटिंग बनाने के अभ्यस्त हो चुके हैं।

सोशल मीडिया से मिली मदद

आदिप्रिय ने बताया कि कला के प्रति को झुकाव को देखते हुए उसके पिता प्रीतम वह सब सामान लेकर आए, जिसकी कलाकार को आवश्यकता होती है। उसने किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि सोशल मीडिया को अपना गुरु बनाया और सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर कला सीखी। सोशल मीडिया पर वीडियो देखने के बाद उसकी कोशिश वह कुछ अलग करूं। अंतरराष्ट्रीय स्तर की कला प्रदर्शनी में बहुत बारीकी जांच परख होने के बाद अनुमति मिलती है। उसकी एक भी पेंटिंग में कसापी राइट नहीं पाई गई है।

दुबई में भी छोड़ी प्रतिभा की छाप

आदिप्रिय ने बताया कि पिछले वर्ष 2018 में दिल्ली स्थित आइसीसीआर आर्ट गैलरी में पहली प्रदर्शनी लगी थी। इस वर्ष 2019 में दुबई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में अपनी कला का प्रदर्शन किया था। 14 वर्ष की कला देखकर विभिन्न देशों से आए कलाकार भी हैरान थे। उन्होंने अपनी पेंटिंग में दुबई के विभिन्न धार्मिक स्थलों, इस्लामिक धर्म की मान्यताओं को दर्शाया था और उस पर अल्लाह-हू-अकबर लिखा हुआ था। पिछले वर्ष उन्हें सिडनी, बैंकॉक, लंदन जैसी जगहों से प्रदर्शनी के लिए न्योता आया था, लेकिन वार्षिक परीक्षाओं के चलते शामिल नहीं हो पाए थे।

 

अध्यात्म और बुद्ध पर आधारित होती है पेंटिंग

आदिप्रिय ने बताया कि उनकी कोशिश रहती है कि उनकी प्रत्येक पेंटिंग में भारतीय सभ्यता की पहचान दिखाई दे। इसके चलते अपनी प्रत्येक पेंटिंग में अध्यात्म और बुद्ध का समावेश करने की पूरी कोशिश करते हैं।

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