पढ़िए- कैसे एक नेता का ड्राइवर बन गया खूंखार गैंगस्टर, राजस्थान में कर चुका है SI का भी मर्डर

पपला के बारे में कहा जाता है कि वह बेहद शातिर अपराधी है। पुलिस के लिए उसे पकड़ना आसान नहीं। फरारी के दौरान वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता ना ही किसी साथी से संपर्क रखता है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 01:32 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 01:32 PM (IST)
पढ़िए- कैसे एक नेता का ड्राइवर बन गया खूंखार गैंगस्टर, राजस्थान में कर चुका है SI का भी मर्डर
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फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी सक्रिय गैंगस्टर पपला गुर्जर का फरीदाबाद से भी पुराना नाता रहा है। शुरुआत में कुछ वारदातें करने के बाद पपला ने फरीदाबाद में शरण ली थी। यह करीब चार साल पहले की बात है। यहां वह एक स्थानीय नेता का ड्राइवर बनकर रहा था। उस नेता को भी तब पपला के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं थी।

तीन-चार महीने साथ रहने के बाद नेता को उसके आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी हुई तो उसे साथ रखने से इनकार कर दिया था। बाद में उसी नेता के कहने पर पपला ने हरियाणा पुलिस के सामने सरेंडर किया था। तब कुछ दिन हिरासत में रहने के बाद वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार होने में कामयाब रहा था। तभी से वह पुलिस से छिपता फिर रहा है।

इसके अलावा फरीदाबाद का एक युवक पपला का गुर्गा बताया जाता है। पुलिस के पास जानकारी है कि वह युवक लंबे समय से पपला गुर्जर के साथ है। अक्टूबर 2018 में सीकर राजस्थान में थाना प्रभारी व एक कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में फरीदाबाद निवासी युवक का नाम हथियार उपलब्ध कराने में आया था। यही कारण है कि पपला की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटीं पुलिस की नजर फरीदाबाद पर भी बराबर है।

कई महीने एक कमरे में बिता सकता है पपला

पपला गुर्जर के बारे में कहा जाता है कि वह बेहद शातिर अपराधी है। पुलिस के लिए उसे पकड़ना आसान नहीं। फरारी के दौरान वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता ना ही किसी साथी से संपर्क रखता है। वह एक ही कमरे में कई महीने बिता सकता है। यही कारण है कि अलवर से फरार होने के तीन महीने बाद भी पुलिस उसका सुराग नहीं लगा पाई।

बता दें कि गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर से दोस्ती के संदेह में बुधवार रात हरियाणा व राजस्थान पुलिस ने हरियाणवी रागनी लेखक रोहित सरदना के गांव प्रह्लादपुर (बदरौला) में घेराबंदी कर की थी। पुलिस के संदेह की वजह रोहित द्वारा लिखी गई रागनी है, जिसकी एक लाइन में पपला गुर्जर का गुणगान किया है। इस रागनी की चार लाइनें कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। छापेमारी के दौरान रोहित घर पर नहीं मिला। पुलिस उसके पिता जयकरण व चचेरे भाई को साथ ले गई, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया।

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