ट्रेन के इंजन में फंसे 2 साल के बच्चे की कैसे बची जान? पढ़िये- हैरान करने वाली खबर
12 वर्षीय लड़के ने अपने 2 साल के छोटे भाई को रेलवे ट्रैक पर ही मालगाड़ी के सामने खड़ा कर दिया। इस बीच लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) ने दूर से देख नजारा देखा तो बच्चे की जान बचाने के लिए इमरजेंसी ब्रेक लगा दी।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। दिल्ली से सटे फरीदाबाद में ट्रेन के इंजन के अगले हिस्से में फंसने और फिर उसे सकुशल निकाल लेने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पूरी घटना बुधवार की, लेकिन यह पूरी घटना एक दिन बाद सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। दरअसल, बुधवार को 12 वर्षीय लड़के ने अपने 2 साल के छोटे भाई को रेलवे ट्रैक पर ही मालगाड़ी के सामने खड़ा कर दिया। इस बीच लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) ने दूर से देख नजारा देखा तो बच्चे की जान बचाने के लिए इमरजेंसी ब्रेक लगा दी।
इसके बाद हैरान करने वाली बात यह हुई कि ब्रेक लगने के बाद भी 2 वर्षीय बच्चा इंजन के अगले हिस्से में फंस गया। वहीं, हालात को देखते हुए मालगाड़ी खड़ी रही और फिर किसी तरह बच्चे को निकालकर उसकी जान बचाई गई। इसमें लोको पायलट दीवान सिंह की बड़ी और महती भूमिका रही। घटना बल्लभगढ़ और पलवल के बीच रेलवे ट्रैक की है। लोको पायलट दीवान सिंह ने बच्चे को बचाने के बाद आगरा डिविजन को इसकी लिखित शिकायत की है।
ऐसे निकाला गया बच्चे को
हुआ यूं कि मालगाड़ी के ड्राइवर ने जब बच्चों को बचाने के लिए ब्रेक लगाया तो वह इंजन के अगले हिस्से में ही फंस गया। जब ट्रेन ड्राइवर को पूरी बात समझ में आई तो मदद के लिए आगे आया। इसके बाद बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया गया, उसे कोई चोट नहीं आई है। वहीं, मालगाड़ी से नीचे उतरकर लोको पायलट दीवान सिंह ने उसके बड़े भाई को पकड़ लिया और फिर उसके परिवार वालों के हवाले किया। वहीं, भविष्य में ऐसा नहीं करने की हिदायत भी दी, साथ परिवार को भी आगाह किया।
जानिये- पूरी घटना
दरअसल, बुधवार को बल्लभगढ़-पलवल रेलवे ट्रैक पर एक मालगाड़ी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आगरा की ओर जा रही थी। इस बीच 12 वर्षीय बड़े भाई ने मजाक-मजाक में अपने 2 वर्षीय छोटे भाई को रेलवे ट्रैक पर खड़ा कर दिया, जहां पर मालगाड़ी आ रही थी। वहीं,मालगाड़ी के लोको पायलट दीवान सिंह ने सामने का दृष्य देखा तो हालात को भांपते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाए। इसके बाद का नजारा तो और भी हैरान करने वाला था, क्योंकि बच्चा इंजन के नीचे फंस गया था। इसके बाद लोको पायलट दीवान सिंह खुद आगे आए और लोगों की मदद से बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद बच्चे व उसके बड़े भाई को उनके परिवार वालों को सौंप दिया। इसके बाद नियमानुसार दीवान सिंह ने इसकी शिकायत आगरा डिविजन में की है। कहा जा रहा है कि मालगाड़ी के स्थान पर अगर पैसेंजर ट्रेन होती तो बच्चे की जान किसी भी हाल में नहीं बचती।
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