जागरण पड़ताल : अस्पताल में डॉक्टरों की पहली सलाह, इलाज कराना है, तो आक्सीजन सिलेंडर घर से लेकर लाओ
इलाज कराना है तो आक्सीजन सिलेंडर घर से ही लाओ। अपने मरीज की आपको खुद ही हिफाजत करनी होगी। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में सांस की तकलीफ से पीड़ित के आने पर स्टाफ की ओर से कुछ इस तरह से तीमारदारों को समझाया जा रहा था।
फरीदाबाद, [अनिल बेताब]। इलाज कराना है, तो आक्सीजन सिलेंडर घर से ही लाओ। अपने मरीज की आपको खुद ही हिफाजत करनी होगी। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में सांस की तकलीफ से पीड़ित के आने पर स्टाफ की ओर से कुछ इस तरह से तीमारदारों को समझाया जा रहा था। बेड फुल होने पर मरीजों को स्ट्रेचर पर जगह दी जा रही थी। सांस की तकलीफ से पीड़ित कई मरीज तो बेंच पर ही बैठ गए थे और अपने साथ लाए आक्सीजन सिलेंडर से सांस ले रहे थे। बुधवार रात 10 बजे से 11 बजे तक जागरण पड़ताल की गई, तो कुछ ऐसा ही नजारा था बादशाह खान अस्पताल के आपातकालीन विभाग का। जागरण पड़ताल में जिला स्वास्थ्य विभाग के दावे खोखले नजर आए।
केस स्टडी-एक
डबुआ कालोनी ई ब्लाक निवासी गीता देवी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। पति ओम प्रकाश ने बाहर से आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया। इसके बाद उन्होंने गीता देवी को बादशाह खान अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती करा दिया। यहां पंखे न होने के चलते बेटा साईयां टेबल फैन भी लेकर आ गया था। साईयां ने बताया कि अस्पताल की ओर से आक्सीजन सिलेंडर न दिए जाने की बात कहे जाने के बाद उनके पिता जी ने आक्सीजन का इंतजाम किया था।
केस स्टडी-दो
जनकपुरी, दिल्ली निवासी राज सिंह को किसी रिश्तेदार के माध्यम से यहां बादशाह खान नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह भी अपने घर से आक्सीजन सिलेंडर साथ ले कर आए थे। बेटा विनय ने बताया कि उनके पिता सांस की तकलीफ से परेशान हैं। दिल्ली में किसी अस्पताल में बेड न मिलने के चलते वह बादशाह खान नागरिक अस्पताल आ गए थे।
मैं अपनी माता सुंदरी देवी को इलाज के लिए अस्पताल लाया था। यहां आक्सीजन का इंतजाम नहीं था। डाक्टर और स्टाफ ने कहा था कि आप खुद ही आक्सीजन का इंतजाम करो। इसलिए मैंने खुद ही बाहर से आक्सीजन का इंतजाम किया।
-मनोज कुमार, त्रिखा कालेनी, बल्लभगढ़।
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हमारे पास अभी 60 से अधिक सिलेंडर स्टाक में हैं। सिलेंडर की कोई कमी नहीं है। बहुत से मरीजों के पास अपने आक्सीजन सिलेंडर हैं। वे आक्सीजन सिलेंडर ले कर ही अस्पताल में आ रहे हैं। हम प्रयास कर रहे हैं कि किसी को कोई दिक्कत न हो।
-डा. विनय गुप्ता, प्रधान चिकित्सा अधिकारी, बादशाह खान नागरिक अस्पताल।
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सिफारिशी मरीजों पर खास ध्यान देने की हिदायत
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए मरीजों का ध्यान देने की सिफारिशें भी खूब आ रही हैं। राजनीतिक रसूख वालों तथा बड़े अफसरों के माध्यम से भर्ती मरीजों के लिए चिकित्सक परेशान रहते हैं। अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि बार-बार फाेन आते हैं विधायक जी के, जवाब देना भारी पड़ जाता है।