नेता जी की यादों को समेटे हुए है गुरुकुल इंद्रप्रस्थ, यहीं पर होती थी स्वतंत्रता सेनानियों की गुप्‍त बैठकें

गुरुकुल में सरदार भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद तथा अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल आकर योजनाएं बनाया करते थे। गुरुकुल इंदप्रस्थ में बने एक हाल में आज भी एक कोठरी है इसी में सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्रता सेनानियों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ बैठकें किया करते थे।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 07:28 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 07:28 PM (IST)
नेता जी की यादों को समेटे हुए है गुरुकुल इंद्रप्रस्थ, यहीं पर होती थी स्वतंत्रता सेनानियों की गुप्‍त बैठकें
आर्य नगर स्थित गुरुकुल इंद्रप्रस्थ का प्रवेश द्वार। जागरण।

फरीदाबाद (अनिल बेताब)। देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले नेता जी सुभाष चंद्र बोस की यादें जिला फरीदाबाद से जुड़ी हैं। आर्य नगर स्थित गुरुकुल इंद्रप्रस्थ में नेता जी आजादी से पहले 8 दिन तक एक कोठरी में भूमिगत रहे थे। उनके नाम से गुरुकुल इद्रप्रस्थ में शहीद स्मृति संग्रहालय है। यहां नेता जी के अलावा आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण तथा लाला लाजपत राय जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानी आए थे। इसी गुरुकुल में सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद तथा अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल आकर योजनाएं बनाया करते थे। गुरुकुल इंदप्रस्थ में बने एक हाल में आज भी एक कोठरी है, इसी में सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्रता सेनानियों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ बैठकें किया करते थे। 

युवा पीढ़ी देश के सिपाहियों के बलिदान को याद रखे

इस कोठरी के प्रवेश पर ही नेता जी की तस्वीर लगी हुई है। कोई भी बाहर से यहां आता है, तो नतमस्तक हो जाता है। आर्य समाज से जुड़े शैक्षणिक संस्थाओं के छात्र-छात्राएं अक्सर यहां आते-जाते हैं। दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास अरावली पर्वतमाला से घिरे गुरुकुल इंद्रप्रस्‍थ में समय-समय पर नेता जी के नाम से कार्यक्रम किए जाते हैं, ताकि युवा पीढ़ी देश के सिपाहियों के बलिदान को याद रखे। 

स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने जून 1916 को की थी गुरुकुल इंद्रप्रस्थ की स्थापना

गुरुकुल इंद्रप्रस्थ के आचार्य ऋषिपाल आर्य कहते हैं कि स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने जून 1916 को गुरुकुल इंद्रप्रस्थ की स्थापना की थी। नेता जी ने देश के लिए जो कुर्बानी दी है, उसे ध्यान में रखते हुए बच्चों को यहां राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाया जाता है। योग की नियमित कक्षाएं चलती हैं। पर्यावरण संरक्षण के तहत रोजाना हवन किया जाता है। उच्च शिक्षा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से संबंधित पाठ्यक्रम के हिसाब से दी जाती है। गुरुकुल इंद्रप्रस्थ का मकसद बच्चों को देश और समाज के लिए उपयोगी बनाना है।  

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