गैंगस्टर काला जठेड़ी को किस चीज का सता रहा डर, कोर्ट में कहा- हुजूर पुलिस से कहिए हथकड़ी लगा कर रखे
Kala Jatheri News काला जेठड़ी के वकील ने कोर्ट में कहा कि जेल में जठेड़ी को विरोधी गिरोह के सदस्यों से अलग रखा जाए एवं उसके वकीलों की मौजूदगी के बिना उसे किसी भी मामले में पुलिस हिरासत में ना सौंपा जाए।
फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। Kala Jatheri News: क्राइम ब्रांच की रिमांड पर चल रहे लारेंस बिश्नोई गिरोह के गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को पुलिस हिरासत में फर्जी एनकाउंटर का डर सता रहा है। उसने अपने वकील नवीन सहरावत के जरिये सुरक्षा सुनिश्चित करने की याचिका जिला अदालत में लगाई है। वकील नवीन सहरावत ने बताया कि अदालत से निवेदन किया गया था कि काला जठेड़ी को पुलिस हिरासत के दौरान हथकड़ी लगाकर रखा जाए। कहीं लाते-ले जाते समय भी हथकड़ी लगाई जाए, ताकि पुलिस उसके हिरासत से भागने की कोशिश बहाना ना बना पाए। अदालत ने इसकी मंजूरी नहीं दी।
मेडिकल कराए जाने की बात अदालत ने स्वीकार की
जेल में जठेड़ी को विरोधी गिरोह के सदस्यों से अलग रखे जाने, उसके वकीलों की मौजूदगी के बिना उसे किसी भी मामले में पुलिस हिरासत में ना सौंपा जाए। इसके अलावा पुलिस हिरासत के दौरान हर 24 घंटे में काला जठेड़ी का मेडिकल कराए जाने की याचिका अदालत ने मान ली है। वहीं, पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद जठेड़ी को तिहाड़ जेल में रखा जाए। अदालत ने इसकी मंजूरी नहीं दी है।
काला जठेड़ी को देहरादून लेकर गई क्राइम ब्रांच
गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को फरवरी 2020 में उसके गुर्गों ने गुरुग्राम पुलिस की बस पर गोलियां बरसाकर छुड़ा लिया था। अब करीब एक महीने पहले दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। फरीदाबाद सेक्टर-48 क्राइम ब्रांच उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है। इस समय वह सात दिन की पुलिस रिमांड पर है। रिमांड पूरी होने पर 15 सितंबर को पुलिस उसे अदालत में पेश करेगी। क्राइम ब्रांच ने अदालत को बताया कि काला जठेड़ी के पास एक पिस्टल भी थी। जो उसने फरारी के दौरान देहरादून उत्तराखंड में छिपा दी थी। क्राइम ब्रांच पिस्टल बरामद करने उसे देहरादून लेकर गई है।
लारेंस बिश्नोई भी कर चुका है ऐसी मांग
काला जठेड़ी के गिरोह का सरगना लारेंस बिश्नोई भी पुलिस हिरासत में एनकाउंटर की आशंका के चलते हथकड़ी लगाकर रखने की मांग कर चुका है। जुलाई 2020 में चंडीगढ़ में एक शराब ठेके पर हुए गोलीकांड में पूछताछ के लिए वहां की पुलिस ने उसे भरतपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लिया था। तब उसने भी वकील के माध्यम से फर्जी एनकाउंटर की आशंका जताई थी। इसके साथ ही मांग की थी कि पुलिस हिरासत के दौरान उसे हथकड़ी लगाकर रखा जाए, ताकि पुलिस उसके हिरासत से भागने की कोशिश का बहाना ना बना पाए। अदालत ने उसकी यह मांग मान ली थी।