क्रिमिनल को पकड़ने के लिए गूगल मैप का सहारा ले रही फरीदाबाद पुलिस

पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने पदभार संभालने के बाद सबसे पहले थाना व चौकियों में अपराध की ट्रैकिंग कराई थी। इसमें यह पता किया गया कि कहां किस तरह का अपराध अधिक है। यह ट्रैकिंग मैन्युअल तरीके से की गई।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 11:58 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 11:58 AM (IST)
क्रिमिनल को पकड़ने के लिए गूगल मैप का सहारा ले रही फरीदाबाद पुलिस
फरीदाबाद पुलिस सीसीटीएनएस साफ्टवेयर से करेगी मैपिंग।

फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। हाईटेक पुलिसिंग की तरफ फरीदाबाद पुलिस ने एक कदम और बढ़ाया है। अपराध की ट्रैकिंग के लिए फरीदाबाद पुलिस अब विदेशों की तर्ज पर गूगल मैप का सहारा ले रही है। पहले यह ट्रैकिंग मैन्युअल तरीके से की जा रही थी, मगर अब गूगल मैप से शुरू कर दी गई है। करीब डेढ़ महीने से प्रत्येक एफआइआर में अपराध का वास्तविक बिंदू गूगल मैप पर लांगिट्यूट-लैटिट्यूड के रूप में दर्ज करना शुरू कर दिया है। इस कवायद से पूरे जिले में अपराध का डाटा एकत्र हो जाएगा। कुछ समय बाद पुलिस अधिकारियों के लिए यह पता करना आसान होगा कि किस क्षेत्र में किस तरह का अपराध ज्यादा है। उस अपराध पर अंकुश के लिए अधिक संसाधन लगाए जा सकेंगे।

सीसीटीएनएस साफ्टवेयर से होगी मैपिंग

एसीपी हेडक्वार्टर आदर्शदीप सिंह ने बताया कि पुलिस लंबे समय से क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) का प्रयोग कर रही है। इस सिस्टम में क्राइम ट्रैकिंग का भी विकल्प है। अब इस पर हमने डाटा जोड़ना शुरू कर दिया है। कुछ समय बाद अच्छा खासा डाटाबेस तैयार हो जाएगा। इस विकल्प को खोलते ही पुलिस अधिकारियों के सामने वे बिंदू आ जाएंगे किस क्षेत्र में कौन सा अपराध अधिक है। उदाहरण के लिए क्राइम ट्रैकिंग से साफ हो जाएगा कि किन क्षेत्रों में वाहन चोरी, झपटमारी या चोरी की वारदातें ज्यादा हैं। वहां रात्रि गश्त, नाके या मुखबिर सक्रिय कर अपराध पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

फिलहाल मैन्युअल ट्रैकिंग से हो रही है नाकाबंदी

पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने पदभार संभालने के बाद सबसे पहले थाना व चौकियों में अपराध की ट्रैकिंग कराई थी। इसमें यह पता किया गया कि कहां किस तरह का अपराध अधिक है। यह ट्रैकिंग मैन्युअल तरीके से की गई। इसी के आधार पर जिले में नाके लगाए गए हैं, मगर अब यह ट्रैकिंग अधिकारियों के एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। अधिक सटीक आंकड़े भी उपलब्ध होंगे।

जांच में भी मिलेगी सहायता

पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने बताया कि गूगल मैप के जरिये ट्रैकिंग से जांच में भी काफी मदद मिलेगी। कई बार जांच के लिए टीम को लंबे समय बाद भी मौके पर जाना पड़ जाता है। तब टीम के लिए अपराध की वास्तविक लोकेशन पता करना भी चुनौती होती है। गूगल मैप की सहायता से अगर जांच टीम सालों बाद भी मौके पर जाएगी तो वह सटीक लोकेशन पर पहुंच जाएगी।

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