फरीदाबादः कई साल के बाद बना ईरानी गिरोह की गिरफ्तारी का योग, 4 बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे

एसीपी हेडक्वार्टर आदर्शदीप सिंह ने बताया कि ईरानी गिरोह के सदस्यों को दबोचा गया है। अभी इस तरह के और भी बदमाश सक्रिय हो सकते हैं। उन पर भी हमारी नजर लगातार बनी हुई है। पकड़े गए बदमाशों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 02:13 PM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 02:13 PM (IST)
फरीदाबादः कई साल के बाद बना ईरानी गिरोह की गिरफ्तारी का योग, 4 बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे
फरीदाबाद में ईरानी के चार बदमाश गिरफ्तार

फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। दिल्ली-एनसीआर में पुलिसकर्मी बनकर ठगी करने वाले ईरानी गिरोह की कुंडली पुलिस कई साल से तैयार कर रही थी, मगर अब जाकर गिरफ्तारी का योग बना। अब तक यह गिरोह एक के बाद एक वारदातें करने के बाद भी बचकर साफ निकल जाता था। मगर इस बार क्राइम ब्रांच बदरपुर बॉर्डर पुलिस ने गिरोह के बारे में तमाम जानकारियां जुटा ली और इसके चार सदस्यों को दबोचने में कामयाब रही।

पकड़े गए आरोपितों ने की पहचान हरिद्वार उत्तराखंड निवासी साजिद, सनावर और पाटिल नगर महाराष्ट्र निवासी यूनुस व अमजद के रूप में हुई। पूछताछ में इन्होंने बताया है कि उनके जैसे कई लोग दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय हैं। इनमें से अधिकतर महाराष्ट्र से आते हैं। वारदात को अंजाम देकर वापस फरार हो जाते हैं।

यह गिरोह कई साल से फरीदाबाद में भी सक्रिय है। 200 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुका है। सुबह-शाम मंदिर जाने, पार्क या टहलने निकली, मंदिर जा रही बुजुर्ग महिलाएं इस गिरोह के निशाने पर होती हैं। गिरोह के सदस्य महिलाओं को रोककर खुद को पुलिसकर्मी बताते हैं। सुरक्षा का हवाला देकर उनसे गहने कागज में लपेटकर रखने को कहते हैं। कागज में लपेटने के दौरान ये असली गहने की जगह नकली थमा देते हैं।

आरोपितों से पूछताछ में पता चला

आरोपितों से पूछताछ में क्राइम ब्रांच जानकारी जुटाई हे कि इस गिरोह के सदस्य मुंबई की एक बस्ती में रहते हैं। वहां से वारदात करने के लिए ही अलग-अलग शहरों में पहुंचते हैं। एक बार में दो से तीन वारदातें कर ये वहां से निकल जाते हैं। इसके बाद दो से तीन महीने के अंतराल पर वहां दोबारा वारदात करते हैं। फरीदाबाद ही नहीं बल्कि एनसीआर के कई शहरों में ये सक्रिय हैं और लगातार वारदातों को अंजाम देते हैं। कुछ दिन ये शहर के आस-पास रुक कर वारदात को अंजाम देते हैं। इसके बाद गहने बटोर कर फरार हो जाते हैं।

शहर से दूर रहने की वजह से पुलिस को इन बदमाशों को पकड़ने में समस्या आती है। शहर से ठगी व लूटी गए जेवरात वे अपने साथ ले जाते हैं और किसी दूसरे शहर में बेचते हैं। यही कारण है कि पुलिस का मुखबिर तंत्र भी इनकी जानकारी नहीं दे पाता। कद-काठी व रंग में ये ईरानियों से मिलते हैं, ऐसे में पुलिस ने इसे ईरानी गिरोह नाम दिया है।

पिछले दिनों गिरोह द्वारा की गई वारदातें

22 मई : सेक्टर-7 क्षेत्र में सेक्टर-9 निवासी अलका से ठगी।

17 मई : एनआइटी-5 में अमरजीत कुकरेजा को ठगा।

3 मई : सेक्टर-28 में संध्या से ठगी।

2 मई : सेक्टर-15 निवासी मंजू नागपाल और सेक्टर-16 निवासी निर्मला को ठगा।

एसीपी हेडक्वार्टर आदर्शदीप सिंह ने बताया कि ईरानी गिरोह के सदस्यों को दबोचा गया है। अभी इस तरह के और भी बदमाश सक्रिय हो सकते हैं। उन पर भी हमारी नजर लगातार बनी हुई है। पकड़े गए बदमाशों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है।

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