हरियाणा मानवाधिकार आयोग का बड़ा फैसला, मैनहोल में गिरे दो लोगों के परिजनों को देना होगा 5-5 लाख रुपये मुआवजा

हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने खुले मैनहोल में गिरने से दो लोग की मौत के लिए नगर निगम की लापरवाही को जिम्मेदार माना है।इसके लिए मृतकों के पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 12:07 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 12:59 PM (IST)
हरियाणा मानवाधिकार आयोग का बड़ा फैसला, मैनहोल में गिरे दो लोगों के परिजनों को देना होगा 5-5 लाख रुपये मुआवजा
हरियाणा मानवाधिकार आयोग का बड़ा फैसला, मैनहोल में गिरे दो लोगों के परिजनों को देना होगा 5-5 लाख रुपये मुआवजा

नई दिल्ली/फरीदाबाद [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने फरीदाबाद नगर निगम की लापरवाही के एक मामले को लेकर बड़ा फैसला दिया है। आयोग ने खुले मैनहोल में गिरने से दो लोग की मौत के लिए नगर निगम की लापरवाही को जिम्मेदार माना है। इसके लिए मृतकों के पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। मुआवजा दिलवाने के लिए आयोग ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा और फरीदाबाद उपायुक्त की जिम्मेदारी तय की है।

दो जून 2018 की है घटना

फरीदाबाद पल्ला चौक बाइपास रोड के पास घर से सब्जी लेने निकली महिला रेखा नगर निगम के खुले मैनहोल में गिर गईं। इन्हें बचाने को पास में मौजूद लक्ष्मण प्रसाद नाम का व्यक्ति उस मैनहोल में अपना जान को जोखिम में डालकर उतर गया। महिला को बचाने की कोशिश करने वाले लक्ष्मण प्रसाद भी अपनी जान से हाथ धो बैठे।

हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने इस मामले का स्वत संज्ञान लिया था। काफी समय से लंबित इस मामले में हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने नगर निगम फरीदाबाद को पीड़ित परिवारों के पक्ष में कोई उचित कार्यवाही करने के कई मौके दिए। परंतु लगातार नगर निगम के अधिकारी किसी ना किसी बहाने तारीख लेते रहे ।

यह विषय नगर निगम सदन की मीटिंग में रखे जाने व कोरोना महामारी का हवाला देकर भी कई बार तारीख ली गई।

दो सितंबर 2021 को नगर निगम के सचिव अनिल कुमार ने आयोग के सामने उपस्थित हो कर यह विषय सदन की मीटिंग में रखे जाने का हवाला दे कर और समय मांगा । इस पर आयोग ने अपनी नाराज़गी जाहिर की और उनकी मांग को ठुकरा दिया। तब आयोग ने अपना निर्णय सुरक्षित कर दिया।

आयोग की पूर्ण पीठ जिसमें जस्टिस एसके मित्तल, जस्टिस केसी पुरी और दीप भाटिया थे , ने अपना निर्णय अब सुना दिया ह । आयोग ने हरियाणा सरकार को दोनों लोग के पीड़ित परिवार को पांच -पांच लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह आदेश स्थानीय निकाय विभाग को दिया गया है। आयोग ने उपायुक्त फरीदाबाद को पीड़ित परिवारों के परिजन व कानूनी वारिसों को चिन्हित करने का आदेश भी दिया है।

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