संपत्ति कर: ब्याज माफी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो करें जल्दी, खत्म होेने वाली है अंतिम तारीख

बहुत से बकायेदार ब्याज माफी योजना की अंतिम तारीख 31 मार्च को ध्यान में रखते हुए संपत्ति कर जमा कराने आ रहे हैं फिर भी बड़े बकायेदारों ने अभी भी नगर निगम को करीब 150 करोड़ रुपये देने हैं जिसकी वसूली को नगर निगम प्रयासरत है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 04:04 PM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 04:04 PM (IST)
संपत्ति कर: ब्याज माफी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो करें जल्दी, खत्म होेने वाली है अंतिम तारीख
31 मार्च तक ले सकते हैं योजना का लाभ 

फरीदाबाद (अनिल बेताब)। संपत्ति कर पर ब्याज माफी योजना को मात्र एक सप्ताह बचा है। बकायेदार समय रहते बकाया राशि जमा करवा दें, नहीं तो वे ब्याज माफी योजना से वंचित रह सकते हैं। बड़े बकायेदारों की इमारतों की सीलिंग भी की जा सकती है। नगर निगम की संपत्ति कर शाखा की ओर से कुछ ऐसे ही संदेश बकायेदारों को भेजे जा रहे हैं। जिन बकायेदारों ने नगर निगम को 50 हजार रुपये या इससे अधिक संपत्ति कर जमा कराना है, उन्हें नोटिस भेज दिए गए हैं।

बहुत से बकायेदार ब्याज माफी योजना की अंतिम तारीख 31 मार्च को ध्यान में रखते हुए संपत्ति कर जमा कराने आ रहे हैं, फिर भी बड़े बकायेदारों ने अभी भी नगर निगम को करीब 150 करोड़ रुपये देने हैं, जिसकी वसूली को नगर निगम प्रयासरत है। 

बता दें कि प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष संपत्ति कर के बकायेदारों से वसूली के लिए ब्याज माफी योजना की शुरुआत की थी। पहले इसकी अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2020 थी। कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए 31 दिसंबर, 2020,  फिर 31 मार्च, 2021 कर दी गई। इस योजना के तहत 2010-2011 तक के बकायेदारों को ब्याज की छूट दी जा रही है। इसके अलावा मौजूदा वर्ष का संपत्ति कर जमा कराने पर दस फीसद छूट दी जा रही है। इसके अलावा गुड टैक्स पेयर को अतिरिक्त दस फीसद की छूट दी जा रही है। 

गुड टैक्स पेयर वे होते हैं, जो तीन वर्ष से लगाताार निर्धारित पर अपना संपत्ति कर जमा करा रहे हैं। अब चूंकि 31 मार्च नजदीक ही है। ऐसे में निगम की ओर से बकायेदारों को नोटिस भेज कर उनकी मूल राशि का ब्यौरा बताया जा रहा है, ताकि नगर निगम का राजस्व बढ़े। 

निगमायुक्त यशपाल यादव ने बताया कि हमने बकायेदारों को नोटिस भेजे हैं। क्षेत्रीय कर अधिकारियों को हिदायत दी है कि ब्याज माफी योजना खत्म होने के बाद बकायेदारों की इमारतों की सीलिंग की जाए। लोगों को समय रहते बकाया राशि जमा कराने को खुद ही आगे आना चाहिए।

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