Aravali, Faridabad House Demolition: अरावली में बने अवैध निर्माणों को तोड़ने से पहले वन विभाग ने किया ड्रोन से सर्वे

वन क्षेत्र में केवल दो संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने वन विभाग से एनओसी ली हुई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जो निर्माण वन क्षेत्र में हैं वह सभी हटाए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन को 23 अगस्त का समय दिया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 12:08 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 12:08 PM (IST)
Aravali, Faridabad House Demolition:  अरावली में बने अवैध निर्माणों को तोड़ने से पहले वन विभाग ने किया ड्रोन से सर्वे
Aravali, Faridabad House Demolition: अरावली में बने अवैध निर्माणों को तोड़ने से पहले वन विभाग ने किया ड्रोन से सर्वे

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली में बने हुए अवैध निर्माणों को तोड़ने से पहले वन विभाग ने बुधवार को ड्रोन से सर्वे कराया। इस सर्वे में निर्माणों की संख्या, बनावट, क्षेत्रफल की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। उधर, नगर निगम भी जांच कर रहा है कि यहां कितने संस्थानों ने सीएलयू के लिए आवेदन किया हुआ है। कितने को मिला हुआ है।

इन संस्थानों को कई विभागों से भी एनओसी दी गई है। इसकी कंपाइल रिपोर्ट छह अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में भिजवानी है। इसलिए वन विभाग और निगम अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं। बता दें कि वन विभाग की जमीन पर काफी संस्थान हैं जो सालों से चल रहे हैं। इन संस्थानों ने नगर निगम में सीएलयू के लिए आवेदन भी किया है। संस्थानों ने वन विभाग से एनओसी नहीं ली हुई है।

वन क्षेत्र में केवल दो संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने वन विभाग से एनओसी ली हुई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जो निर्माण वन क्षेत्र में हैं, वह सभी हटाए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन को 23 अगस्त का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट में 23 जुलाई को हुई सुनवाई में भी अरावली से अवैध निर्माण हटाने के लिए कहा था। इसके बाद अवैध फार्म हाउस संचालक राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन अब इन्हें राहत नहीं मिली है।

वन विभाग द्वारा किए गए सर्वे में यहां करीब 140 अवैध निर्माण हैं। नगर निगम व वन विभाग से भेजी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निर्णय लेगी कि आगे क्या करना है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कार्रवाई की तैयारियों में जुट गए हैं। ड्रोन सर्वे पूरा हो गया है। इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। -राजकुमार, जिला वन अधिकारी

chat bot
आपका साथी