फरीदाबाद में राष्ट्रीय स्तर के शूटर की कार से 800 कारतूस चोरी, 50 हजार रुपये भी गायब

फरीदाबाद में राष्ट्रीय स्तर के शूटर की कार का शीशा तोड़कर चोरों ने बैग चोरी कर लिया। बैग में पिस्टल की .22 कैलिबर की करीब 800 कारतूस 50 हजार रुपये लैपटाप आर्म्स लाइसेंस सहित अन्य जरूरी सामान था।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 05:57 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 05:57 PM (IST)
फरीदाबाद में राष्ट्रीय स्तर के शूटर की कार से 800 कारतूस चोरी, 50 हजार रुपये भी गायब
सीसीटीवी में चोरी करके जाते हुए बदमाश

फरीदाबाद, जेएनएन। ग्रीन फील्ड कालोनी में अपने दोस्तों से मिलने आए दिल्ली निवासी राष्ट्रीय स्तर के शूटर की कार का शीशा तोड़कर चोरों ने बैग चोरी कर लिया। बैग में पिस्टल की .22 कैलिबर की करीब 800 कारतूस, 50 हजार रुपये, लैपटाप, आर्म्स लाइसेंस सहित अन्य जरूरी सामान था। यह वारदात शास्त्री नगर उत्तर पूर्वी दिल्ली निवासी अर्पित गोयल के साथ हुई। अर्पित तुगलकाबाद दिल्ली स्थित करणी सिंह शूटिंग रेंज में अभ्यास करते हैं। मार्च 2020 में 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में वे देश में नंबर वन शूटर रहे।

उन्होंने बताया कि ग्रीन फील्ड में अपने दोस्तों से मिलने आए थे। कार दोस्त के फ्लैट के बाहर खड़ी कर दी। थोड़ी देर बाद वापस आए तो कार का शीशा टूटा मिला। अंदर से बैग गायब था। चूंकि बैग में बड़ी संख्या में कारतूस थे, इसलिए उन्होंने बिना देर किए पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

सीसीटीवी कैमरे में भी चोरों की हरकत कैद हुई। दो युवक मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे। उन्होंने यह वारदात की। इन्हीं बदमाशों ने ग्रीन फील्ड कालोनी में एक दिन पहले सौरभ सिंगला नाम के प्रापर्टी डीलर की कार का शीशा तोड़कर लैपटाप सहित बैग चोरी कर लिया था। पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। चोरों की तलाश की जा रही है।

सुसाइड नोट की जांच में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची फारेंसिक लैब

वहीं, सितंबर 2020 में सेक्टर-58 की फैक्ट्री के शौचालय में कालीचरण नाम के व्यक्ति द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला पुलिस के लिए पेचिदा हो गया है। इस मामले में पुलिस को सुसाइड नोट मिला था। सुसाइड नोट को सत्यता जानने के उद्देश्य से लिखाई मिलान के लिए गुरुग्राम स्थित फारेंसिक लैब भेजा गया था। करीब नौ महीने बाद अब लैब से सुसाइड नोट की रिपोर्ट आई है। फारेंसिक लैब इसमें किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। रिपोर्ट में लैब ने कहा है कि सुसाइड नोट और स्वजन द्वारा सौंपे गए कालीचरण के हस्ताक्षर की लिखाई मिलान को लेकर कोई राय नहीं दी जा सकती।

स्वजन ने कालीचरण के जो हस्ताक्षर लिखाई मिलान के लिए दिए थे, वे करीब 20 साल पुराने थे। शायद इसी वजह से लैब किसी नतीजे पर नहीं पहुंची और राय देने में असमर्थता जताई। अब कालीचरण के स्वजन एक बार फिर सुसाइड नोट को मिलान के लिए फारेंसिक लैब भिजवाना चाहते हैं। इसके लिए वे कालीचरण के हाथ से लिखे ऐसे अधिकारिक दस्तावेज तलाश रहे हैं जो अपेक्षाकृत कम पुराने हों।

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