गड़बड़झाले में सामने आ सकते हैं बड़े अधिकारियों के नाम

नगर निगम की लेखा शाखा की ओर से ठेकेदार को बिना काम के किस अधिकारी के हस्ताक्षण से ठेकेदार को भुगतान किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Nov 2021 07:34 PM (IST) Updated:Tue, 02 Nov 2021 07:34 PM (IST)
गड़बड़झाले में सामने आ सकते 
हैं बड़े अधिकारियों के नाम
गड़बड़झाले में सामने आ सकते हैं बड़े अधिकारियों के नाम

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नगर निगम की लेखा शाखा की ओर से ठेकेदार को बिना काम के किए गए भुगतान के ममाले में गड़बड़झाले में बड़े अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं। निगमायुक्त यशपाल यादव की ओर से बनाई गई जांच कमेटी ने लेखा शाखा से पूछा है कि किस अधिकारी के हस्ताक्षर से ठेकेदार को भुगतान किया गया है। कमेटी ने उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त कार्यालय से भी ब्योरा मांगा है कि उनके यहां ठेकेदार ने वर्ष 2017 से 2019 तक कितना जीएसटी जमा कराया है।

बता दें कि नगर निगम पार्षद दीपक यादव, दीपक चौधरी, महेंद्र सिंह और सुरेंद्र अग्रवाल ने लेखा शाखा से वर्ष 2017 से 2019 तक अलग-अलग वार्डों में किए गए विकास कार्यो और ठेकेदार को किए गए भुगतान का ब्योरा मांगा था। जब जानकारी मिली, तो पता चला कि कई करोड़ का गड़बड़झाला किया गया है। बिना काम के ठेकेदार को मोटा भुगतान किया गया है। कई फाइलों को संशोधित करके खेल किया गया है। सरकार तक शिकायत पहुंचने पर विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही है। निगमायुक्त यशपाल यादव ने पिछले दिनों एक जांच कमेटी बनाई थी। कमेटी में नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त अभिषेक मीणा, उप महापौर मनमोहन गर्ग, पार्षद अजय बैसला तथा मुख्य अभियंता रामजी लाल को शामिल किया गया है।

गड़बड़झाले के मामले में अनुबंध के तहत सेवा देने वाले जेई राजन तेवतिया लेखा शाखा के क्लर्क प्रदीप कुमार, पंकज और तसलीम को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। पार्षद दीपक चौधरी कहते हैं कि इस मामले में बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है। जांच कमेटी के सदस्य मनमोहन गर्ग कहते हैं कि अब लगता है कि बड़े अधिकारियों की दखल सामने आ जाएगी। लेखा शाखा से ब्योरा मांगा गया है कि यह बताया कि जाए कि किस अधिकारी के हस्ताक्षर से ठेकेदार को भुगतान किया गया है।

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