फरीदाबाद से भी खूब आना जाना होता था मदन लाल खुराना का

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में भी खूब आना जाता होता था। एनआइटी क्षेत्र देश विभाजन समय नार्थ वेस्ट फ्रंटियर पोस्ट, जो अब पाकिस्तान में हैं के छह जिलों से विस्थापित होकर आए शरणार्थियों के लिए बसाया गया था। स्व.मदन लाल खुराना स्वयं भी लायलपुर पंजाब से थे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में भी खूब आना जाता होता था। एनआइटी क्षेत्र देश विभाजन समय नार्थ वेस्ट फ्रंटियर पोस्ट, जो अब पाकिस्तान में हैं के छह जिलों से विस्थापित होकर आए शरणार्थियों के लिए बसाया गया था। स्व.मदन लाल खुराना स्वयं भी लायलपुर पंजाब से थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Oct 2018 10:35 PM (IST) Updated:Sun, 28 Oct 2018 10:35 PM (IST)
फरीदाबाद से भी खूब आना जाना होता था मदन लाल खुराना का
फरीदाबाद से भी खूब आना जाना होता था मदन लाल खुराना का

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में भी खूब आना जाता होता था। एनआइटी क्षेत्र देश विभाजन समय नार्थ वेस्ट फ्रंटियर पोस्ट, जो अब पाकिस्तान में हैं के छह जिलों से विस्थापित होकर आए शरणार्थियों के लिए बसाया गया था। स्व.मदन लाल खुराना स्वयं भी लायलपुर पंजाब से थे। इसलिए यहां के शरणार्थियों, जो बाद में औद्योगिक नगरी को विकसित करने के कारण पुरुषार्थी कहलाए, उन सब को भाजपा से जोड़ने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का प्रभाव व सौम्य स्वभाव खूब काम आया। चुनावों के समय मदन लाल खुराना को विशेष रूप से फरीदाबाद बुलाया जाता था, खास कर पंजाबी बाहुल्य क्षेत्रों में। रविवार को उनके निधन पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, विधायक सीमा त्रिखा, पूर्व विधायक चंदर भाटिया ने शोक व्यक्त किया। कृष्णपाल गुर्जर ने इस मौके पर कहा कि दिल्ली में भाजपा को स्थापित करने वाले स्व.खुराना ही थे। दिल्ली में मेट्रो लाने की योजना भी उन्होंने ही बनवाई। वो एक कुशल राजनीतिज्ञ, समाजसेवी व पार्टी के सच्चे सिपाही थे। उनके निधन से पार्टी की और समाज की अपूर्णनीय क्षति हुई है। केंद्रीय मंत्री ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। पूर्व विधायक चंदर भाटिया ने कहा कि उनके निधन से पार्टी ने एक असरदार नेता खो दिया, वो पंजाबी समाज की शान थे और चुनाव प्रचार के दौरान के अलावा व्यक्तिगत रूप से एनआइटी में कई बार आगमन हुआ। उनके निधन का हम सबको दुख है।

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