15 राज्यों के लोगों से की थी लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी

19 जुलाई को साइबर थाना पुलिस के हत्थे चढ़े साइबर ठग विजय नगर गाजियाबाद निवासी रोशन विश्वकर्मा और संगम विहार दिल्ली निवासी सोनू 15 राज्यों के लोगों को ठग चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 05:41 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 05:41 PM (IST)
15 राज्यों के लोगों से की थी लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी
15 राज्यों के लोगों से की थी लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी

हरेंद्र नागर, फरीदाबाद

19 जुलाई को साइबर थाना पुलिस के हत्थे चढ़े साइबर ठग विजय नगर गाजियाबाद निवासी रोशन विश्वकर्मा और संगम विहार दिल्ली निवासी सोनू 15 राज्यों के लोगों को ठग चुके हैं। दोनों सस्ता लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है। अब साइबर थाना पुलिस इनके बैंक खाते खंगाल रही है।

पुलिस को इनके तीन बैंक खाते मिले हैं, जिनमें ठगी के रुपयों को मंगाया जाता था। तीनों बैंक खाते फर्जी कागजों के आधार पर खुलवाए गए हैं। इन खातों में 15 राज्यों से रुपये आए हैं। जिससे साफ है कि इन राज्यों के लोगों को सस्ता लोन दिलाने का झांसा देकर आरोपितों ने अपने खातों में रुपये मंगवाए। इन राज्यों में हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र शामिल हैं। इन सभी राज्यों की पुलिस को साइबर थाना पुलिस ने पत्र लिखा है, ताकि वहां हुई ठगी के संबंध में आरोपितों से पूछताछ की जा सके।

आरोपितों के खातों में रुपये भेजने वाले 50 खाते साइबर थाना पुलिस ने और चिह्नित किए हैं। बैंकों से इनकी भी जानकारी मांगी गई है। दोनों आरोपितों ने दिल्ली-एनसीआर में ही 30 से अधिक लोगों से ठगी की हुई है। उन्होंने नोएडा के सेक्टर-63 में अपना कार्यालय बनाया हुआ था। वहीं बैठकर ठगी करते थे। कुछ समय पहले ही त्रिखा कालोनी बल्लभगढ़ निवासी महेंद्री नाम की महिला से 1.80 लाख रुपये ठग लिए थे। इस मुकदमे की जांच करते हुए साइबर थाना पुलिस आरोपितों तक पहुंची। बैंककर्मी बनकर करते थे काल

साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार के अनुसार आरोपित बैंककर्मी बनकर लोगों को काल करते थे। उन्हें विभिन्न बैंक के लोन सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलाने का झांसा देते थे। साथ ही यह भी कहते कि लोन के लिए ज्यादा कागजों की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोन की इच्छुक लोग इनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में आ जाते थे। इसके बाद आरोपित पंजीकरण फीस, प्रोसेसिग फीस, एडवांस किस्त जैसे बहाने बनाकर लोगों से अपने विभिन्न बैंक खातों में रुपया मंगवाना शुरू करते थे। लोगों को आश्वासन दिया जाता कि उनके द्वारा दिया गया सारा रुपया लोन के साथ वापस मिल जाएगा। आरोपितों को फर्जी दस्तावेजों पर खोले गए बैंक खाते और लोन के इच्छुक लोगों का डाटा उपलब्ध कराने वाला आरोपित अभी फरार हैं। साइबर थाना पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

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