गिरदावरी में कई गांवों की फसलों का रिकार्ड नहीं

खरीफ की फसल की गिरदावरी में कई गांवों का रिकार्ड ही दिख रहा है और किसान परेशान हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 05:35 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 05:35 PM (IST)
गिरदावरी में कई गांवों की 
फसलों का रिकार्ड नहीं
गिरदावरी में कई गांवों की फसलों का रिकार्ड नहीं

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : खरीफ की फसल की गिरदावरी में कई गांवों का रिकार्ड ही दिखाई नहीं दे रहा है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा है। किसान अपनी फसल को सरकारी समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाए हैं। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इन किसानों के बारे में चंडीगढ़ लिखकर भेजा हुआ है।

सरकार ने बाजरे की सरकारी खरीद करने के लिए पहली अक्टूबर से लेकर 27 नवंबर तक समय दिया था। इस दौरान कई किसानों को फसल बेचने के लिए चंडीगढ़ से मोबाइल पर मैसेज भी आ गए। मैसेज के बाद भी ये फसल नहीं बेच पाए। किसानों का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आनलाइन पंजीकरण दिखाई दे रहा है, लेकिन गिरदावरी में रिकार्ड दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे किसान अपनी फसल को बेचने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। अभी तक समस्या का समाधान होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। पटवारी के यहां पर गिरदावरी में मौजपुर, अटाली, नरहावली, गड़खेढ़ा का कोई रिकार्ड नहीं है। इन गांवों के किसानों ने अपने बाजरे को दूसरे के पंजीकरण पर मंडियों में डाला है। इस तरह से आनलाइन और पटवारियों की वजह से किसानों की फसल ही नहीं बिकेगी। अब बाजरे की खरीद 27 नवंबर को समाप्त हो चुकी है। अभी भी अधिकारी कह रहे हैं कि सरकारी खरीद की तारीख बढ़ाई जाएगी।

-हरी सिंह हुड्डा, दयालपुर हमने इस बारे में चार नवंबर से लिख कर एनआइसी को भेजा हुआ है। अभी तक इसका समाधान नहीं हो पाया है। इसका समाधान राजस्व विभाग द्वारा हो सकता है।

-इंद्रपाल सिंह, अतिरिक्त सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी मार्केट कमेटी बल्लभगढ़

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