कांत एन्क्लेव में कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

दिल्ली से सटे कांत एन्क्लेव में 1992 के बाद बने निर्माणों को तोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार अलर्ट हो गई है। प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से जिला उपायुक्त अतुल द्विवेदी से इस मामले को लेकर चर्चा की। इस मौके पर जिला उपायुक्त के अलावा वरिष्ठ नगर योजनाकार एनएस चौहान, जिला राजस्व अधिकारी डा. नरेश कुमार, नगर निगम, वन विभाग से भी अधिकारी मौजूद थे। बता दें पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कांत एन्क्लेव में 1992 के बाद बने निर्माणों को

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 07:30 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 07:30 PM (IST)
कांत एन्क्लेव में कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश
कांत एन्क्लेव में कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : दिल्ली से सटे कांत एन्क्लेव में 1992 के बाद बने निर्माणों को तोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार अपनी ओर से कार्रवाई करने का मन बना चुकी है। इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से जिला उपायुक्त अतुल द्विवेदी से चर्चा की। मौके पर वरिष्ठ नगर योजनाकार एनएस चौहान, जिला राजस्व अधिकारी डॉ.नरेश कुमार, नगर निगम, वन विभाग से भी अधिकारी मौजूद थे।

11 सितंबर को आए थे आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर-2018 को कांत एन्क्लेव में 1992 के बाद बने निर्माणों को 31 दिसंबर तक तोड़ने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्र में हुए निर्माण को लेकर नाराजगी भी जाहिर की थी और हरियाणा के मुख्य सचिव को आदेश पर अमल के आदेश दिए थे। 43 निर्माणों पर गिरेगी गाज

वरिष्ठ जिला नगर योजनाकार एनएस चौहान ने बताया उन्होंने कांत एन्क्लेव का रिकॉर्ड खंगाला है। यहां करीब 43 ऐसे निर्माण सामने आए हैं जो 1992 के बाद बने हैं। इसलिए इन पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने उनसे स्पष्ट कहा है कि एक सप्ताह में इस मामले की कानूनी व अन्य प्रकार से जांच की जाए। यह सुनिश्चित जरूर किया जाए कि कोई निर्माण 1992 से पहले का न टूट जाए। इस बारे में पूरी स्टेटस रिपोर्ट एक सप्ताह में तैयार की जाए। सचिव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन समय से किया जाए। कांत एन्क्लेव में निर्माणों को लेकर पूरी योजना तैयार की जाए। निर्माण मालिकों को नोटिस भेजे जाएं। चौहान ने बताया कि वह इस मामले को लेकर पूरी सावधानी बरत रहे हैं और हर हाल में आदेश का पालन समय से किया जाएगा। क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कांत एन्क्लेव पूरी तरह से जंगल की जमीन पर बना हुआ है। इसलिए ये अवैध है। कोर्ट का आदेश है कि ये जमीन वापस वन विभाग को दे दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अरावली हिल के आस-पास पर्यावरण को नुकसान हुआ है। हमारे मकानों के नक्शे जिला नगर योजनाकार द्वारा हैं और रजिस्ट्री भी है। जब प्लॉट लिया था तो यह लाइसेंसशुदा कॉलोनी थी। इसमें हमारा क्या कसूर है। हम कानूनी सलाह ले रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी जल्द मिला जाएगा।

-एमबी आनंद, पूर्व ब्रिगेडियर एवं कांत एन्क्लेव निवासी।

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