भारत अपने प्राचीन ज्ञान व तकनीक से बनेगा विश्व गुरु

लेखक, ¨चतक तथा अंतराष्ट्रीय विचारक रवि कुमार अय्यर ने कहा है कि भारत अपनी ज्ञान परंपरा के बल पर ही पुन: विश्व गुरु बन सकता है। भारत के ज्ञान व शोध की दुनिया भर के लोग सराहना कर रहे हैं। भारत में ऋषि-मुनियों ने ज्ञान के सभी क्षेत्रों में प्राचीन काल से उच्च कोटि का शोध किया है। उसी रास्ते पर चल कर 21वीं सदी में भी हम विश्व गुरु बन सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 08:18 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 08:18 PM (IST)
भारत अपने प्राचीन ज्ञान व 
तकनीक से बनेगा विश्व गुरु
भारत अपने प्राचीन ज्ञान व तकनीक से बनेगा विश्व गुरु

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : लेखक, ¨चतक तथा अंतराष्ट्रीय विचारक रवि कुमार अय्यर ने कहा है कि भारत अपनी ज्ञान परंपरा के बल पर ही पुन: विश्व गुरु बन सकता है। भारत के ज्ञान व शोध की दुनिया भर के लोग सराहना कर रहे हैं। भारत में ऋषि-मुनियों ने ज्ञान के सभी क्षेत्रों में प्राचीन काल से उच्च कोटि का शोध किया है। उसी रास्ते पर चल कर 21वीं सदी में भी हम विश्व गुरु बन सकते हैं।

रवि अय्यर जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद और सर्व इंडिया फाउंडेशन फरीदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में 'विश्व परि²श्य 2050 व भारत' विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में उल्लेखनीय गौरवशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। भारत के ज्ञान का विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार हुआ है और 2050 तक भारत में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है। भारत तकनीकी तथा सैन्य बल दोनों रूपों में सक्षम हो रहा है, क्योंकि हमारे पास हर क्षेत्र उन्नत तकनीक विकसित हो रही है। विकसित देशों की अर्थव्यवस्था भी आज भारत की बौद्धिक क्षमता के सहारे चल रही है, जब इस बौद्धिक क्षमता का उपयोग देश के हित में होगा तो देश निश्चित रूप से आर्थिक रूप और अधिक उन्नत होगी।

इस अवसर पर कुलपति प्रो.दिनेश कुमार ने अय्यर को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर कुल सचिव डॉ.संजय कुमार शर्मा, सर्व इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रीकृष्ण ¨सघल, गंगा शंकर मिश्रा के अलावा कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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