स्वच्छता के नाम पर करोड़ों खर्च, हालात जस के तस

स्वच्छता के नाम पर करोड़ों खर्च करने पर भी शहर की हालत अच्छी नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 01:23 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 01:23 PM (IST)
स्वच्छता के नाम पर करोड़ों 
खर्च, हालात जस के तस
स्वच्छता के नाम पर करोड़ों खर्च, हालात जस के तस

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : स्वच्छता के नाम पर करोड़ों खर्च करने पर भी शहर की हालत नहीं सुधर पा रही है। नगर निगम के 40 वार्डों का हाल अच्छा नहीं है। प्रमुख चौक-चौराहों पर कचरा फैला है, तो नियमित रूप से गली-मोहल्लों में सफाई नहीं होती है। एनआइटी, ओल्ड फरीदाबाद तथा बल्लभगढ़ नगर निगम में लगभग 3200 सफाई कर्मचारी हैं। इनके वेतन पर करीब 11 करोड़ रुपये महीने का खर्च होता है।

ऐसे ही घर-घर से कचरा एकत्र करने के काम में ईकोग्रीन के कर्मचारी काम कर रहे हैं। नगर निगम की ओर से ईकोग्रीन को हर महीने दो करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है। इतनी बड़ी रकम स्वच्छता के नाम पर खर्च होती है। ऐसे में भी स्थिति संतोषजक नहीं है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 300 खत्ते हैं, जहां अक्सर कचरा फैला रहता है। कई लोग इन खत्तों पर कचरा डाल जाते हैं, तो कई जगह नगर निगम के कर्मचारियों की भी लापरवाही सामने आती है। कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में जब सफाई करते हैं, तो एकत्र कचरे को प्रमुख चौक-चौराहों पर डाल देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बात करें, तो जगह-जगह कचरा फैलने से संक्रमण की आशंका रहती है। आदर्श वार्ड बनाने की पहल हुई, पर वेंडर ने नहीं दिया ध्यान

नगर निगम की ओर से वार्ड नंबर 7, 12, 27, 30 तथा 35 को पहले जनवरी 2020 में आदर्श वार्ड बनाने की पहल की गई थी। मगर वेंडर की लापरवाही से सफल नहीं हुए। इसके बाद अक्टूबर, 2020 में फिर से प्रयास किए गए कि इन पांच वार्डों को आदर्श बनाया जाए। आदर्श वार्ड की श्रेणी में तभी माना जाता, जब इन वार्डाें में घर-घर से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करके एकत्र किया जाता। मगर अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। ईकोग्रीन के वेंडर ने सिर्फ खानापूर्ति की। नाम मात्र के लिए कुछ दिन तो वार्डों में जाकर गीला-सूखा कचरा एकत्र करने को लोगों को जागरूक किया गया, मगर बाद में फिर वहीं हाल। रोजाना निकलता है कचरा

-कुल कचरा-850 टन

-गीला कचरा-250 टन

-सूखा कचरा-600 टन घर-घर से कचरा एकत्र करने के मामले में वेंडर का कार्य ठीक नहीं है। हमारे क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था खराब होने से लोग परेशान हैं। डेंगू, मलेरिया और बुखार का सीजन चल रहा है। यहां कई जगह बारिश का पानी जमा है। पानी में लार्वा पनप रहे हैं। न नगर निगम काम कर रहा है और न ही स्वास्थ्य विभाग।

-हाजी जावेद खान, चेयरमैन, सेक्टर-48, आरडब्ल्यूए। वार्ड में स्वच्छता की स्थिति ठीक नहीं है। नियमित रूप से घर-घर से कचरा एकत्र नहीं किया जाता। कई खत्ते ऐसे हैं, जहां दुकानदार ही कचरा डाल जाते हैं। खत्तों पर कचरा फैला रहता है। कचरा फैलाने वालों का चालान होना चाहिए।

-जसवंत सिंह, वार्ड 14 के पार्षद।

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