किसी और के नाम कर दी हुडा की 16 एकड़ जमीन

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में छोटे से लेकर बड़े स्तर पर गड़बड़ी के मामले अकसर सामने आते रहे हैं पर लापरवाह अधिकारियों पर कम ही कार्रवाई होती है। अब एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें हुडा अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 07:20 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 07:20 PM (IST)
किसी और के नाम कर दी 
हुडा की 16 एकड़ जमीन
किसी और के नाम कर दी हुडा की 16 एकड़ जमीन

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में छोटे से लेकर बड़े स्तर पर गड़बड़ी के मामले अकसर सामने आते रहे हैं, पर लापरवाह अधिकारियों पर कम ही कार्रवाई होती है। अब एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें हुडा अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी हो रही है।

अधिकारियों की लापरवाही या मिलीभगत से अनंगपुर डेयरी में हुडा द्वारा अधिगृहीत 16 एकड़ जमीन की मुटेशन दर्ज नहीं की जा सकी। जिस कारण 46 साल से जमीन पर मालिकों का ही कब्जा है। मामले की जांच के बाद गड़बड़ी सामने आई। हुडा के संपदा अधिकारी विवेक कालिया ने सेंट्रल थाना प्रभारी को पत्र लिखकर 5 पटवारी सहित कुल सात अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा है। पुलिस मामले की जांच करा रही है। यहां जमीन की कीमत कई सौ करोड़ रुपये बताई जा रही है। 1973 में हुई थी जमीन अधिगृहीत

हुडा ने सेक्टर-37 से लेकर 59 तक बाइपास रोड के लिए विभिन्न गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया था। इसमें अनंगपुर डेयरी की जमीन भी शामिल थी। हुडा द्वारा अनंगपुर डेयरी की 16 एकड़ जमीन का अधिग्रहण 1973 में किया गया था। इसकी एवज में हुडा ने जमीन का मुआवजा भी किसानों को दे दिया था। इसके बाद अधिकारियों की लापरवाही या मिलीभगत की वजह से 2012-13 की चकबंदी में नए खसरा नंबर के साथ 16 एकड़ जमीन को फिर से जमीन मालिकों के नाम कर दिया। तभी से इस जमीन पर दुकानें सहित अन्य प्रकार के निर्माण बने हुए हैं। यह जमीन हुडा को नहीं मिल सकी। ऐसे हो गई लापरवाही

जब भी हुडा किसी जमीन का अधिग्रहण करता है तो उसका मुटेशन (इंतकाल) तुरंत पटवारी को दर्ज करना होता है, जिससे जमीन हुडा के नाम आ जाती है। इसके बाद जब कभी जमाबंदी की जाती है तो जमीन हुडा के नाम दिखाई देगी। अनंगपुर डेयरी में 1973 में जिस वक्त जमीन का अधिग्रहण हुआ था, उस वक्त हुडा के तत्कालीन पटवारियों ने इसका मुटेशन दर्ज नहीं किया। यही कारण है कि जमीन हुडा के नाम नहीं चढ़ सकी। इसके बाद वर्ष 2012-13 की जमाबंदी के बाद अधिग्रहण की गई जमीन का रिकॉर्ड भी बदल गया और यह जमीन मालिकों के नाम ही दिखाई दी। मुझे इस बारे में पता लगा। मैंने तुरंत सेंट्रल थाने में मामला दर्ज करने के लिए पत्र लिख दिया है। इस मामले की भी जांच की जा रही है कि यह गड़बड़ी कैसे हुई। इस मामले की जांच जिला राजस्व अधिकारी करेंगे।

-विवेक कालिया, संपदा अधिकारी, हुडा। हमारे पास संपदा अधिकारी का पत्र आया है। मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

-सोमबीर, प्रभारी, सेंट्रल थाना।

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