तीसरी लहर की कितनी तैयारी : अभी तो हैं रेमडेसिविर के सात हजार इंजेक्शन, आगे का पता नहीं

तीसरी लहर में जिलेवासियों को दवाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़े इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:21 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:21 PM (IST)
तीसरी लहर की कितनी तैयारी : अभी तो हैं रेमडेसिविर के सात हजार इंजेक्शन, आगे का पता नहीं
तीसरी लहर की कितनी तैयारी : अभी तो हैं रेमडेसिविर के सात हजार इंजेक्शन, आगे का पता नहीं

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कोरोना संक्रमण के उपचार में उपयोगी माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन पाने को दूसरी लहर में जिलेवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। तीसरी लहर में जिलेवासियों को दवाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़े, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। रेमडेसिविर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग से पास रेमडेसिविर के सात हजार इंजेक्शन का स्टाक है। इसके अलावा इलाज में अन्य दवाएं भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा हैं। यह अलग बात है कि अगर तीसरी लहर आती है और इनकी जरूरत पड़ती है, तभी पता चलेगा कि दावे कब तक सही साबित होते हैं। वैसे इस समय स्वास्थ्य विभाग सैंपलिग पर भी ज्यादा जोर दे रहा है, लोग भी जागरूक हुए हैं। अस्पताल में टीकाकरण से पहले यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि संबंधित ने कोरोना टेस्ट करवाया हो।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जिलेवासियों को आक्सीजन व अस्पतालों में बेड के अलावा रेमडेसिविर के लिए भी संक्रमित के तीमारदारों को भागदौड़ करते देखा गया था। कई मामलों में अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद भी संक्रमित को यह इंजेक्शन नहीं मिल पाया था। इस इंजेक्शन की मांग बढ़ने के साथ ही कालाबाजारी होने लगी थी। ईएसआइसी मेडिकल कालेज सहित विभिन्न अस्पतालों के कर्मचारी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए भी पकड़े गए थे। एक-एक इंजेक्शन 50 हजार रुपये से अधिक कीमत पर बिकने की बातें सामने आई थी। इस बार लोगों को परेशान नहीं होने पड़े, इसके लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं। चिकित्सकीय परामर्श पर ही मिलेगा इंजेक्शन

दूसरी लहर की तरह यदि तीसरी लहर में रेमडेसिविर की आवश्यकता हुई, तो चिकित्सकीय परामर्श से ही इंजेक्शन दिया जाएगा। यह इंजेक्शन संक्रमित के तीमारदार को नहीं, बल्कि अस्पताल को उपलब्ध कराया जाएगा। पिछली बार तीमारदार स्वास्थ्य अधिकारियों के पास सिफारिश लेकर पहुंच रहे थे। इस बार स्वास्थ्य विभाग यह भी सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी नहीं हो सकें। सैंपलिग में भी की गई तेजी

कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिग अभियान में तेजी की थी। अधिक सैंपलिग की वजह से स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में सफल रहा था। 1005927 सैंपल ले चुका है। तीसरी लहर में भी सैंपलिग प्रमुख रहेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग किट की मांग भेजी हुई है। होमआइसोलेशन में रहने वालों पर भी रहती है नजर

कोरोना संक्रमण के मात्र 10 फीसद मरीजों को भर्ती करने की आवश्यकता होती है, जबकि 90 फीसद मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रखा जाता है। इन मरीजों का भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ध्यान रखते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर सप्ताह में एक बार संक्रमित के घर जाकर इम्युनिटी बूस्टर, बुखार की दवाएं दी जाती है। इसके अलावा बुखार मापने के लिए थर्मामीटर और आक्सीजन का स्तर जानने के लिए आक्सीमीटर भी उपलब्ध कराया जाता है। अभी कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हो गई, लेकिन विभाग की टीम प्रतिदिन संक्रमितों के घर जाकर दवाएं देती है। दूसरी लहर से हमने काफी कुछ सीखा है। दवाओं का स्टाक पर्याप्त है। सात हजार रेमडेसिविर हमारे पास हैं। इस बार दवाओं की कमी नहीं रहेगी। सभी दवाओं का पर्याप्त स्टाक मौजूद है।

- डा. विनय गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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