नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नौकरी दिलाने का झांसा देकर आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का साइबर थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:51 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:51 PM (IST)
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नौकरी दिलाने का झांसा देकर आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का साइबर थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें बदरपुर दिल्ली निवासी फुरकान, जामिया नगर दिल्ली निवासी असरफ, मथुरा यूपी निवासी यूनिस खान, आगरा यूपी निवासी साहिद और मामूद्दीन शामिल हैं। आरोपित फर्जी काल सेंटर चलाते थे। वे काल करके लोगों को नौकरी का झांसा देते थे। इसके बाद विभिन्न औपचारिकता पूरी करने के नाम पर उनसे अपने खातों में रुपये डलवाते रहते थे। आरोपितों ने दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे देश में 60 से अधिक वारदात करने की बात कबूली है। इनमें असरफ, मामूद्दीन और साहिद को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है। फुरकान और यूनिस खान को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। अब इन्हें भी अदालत में पेश किया गया। अदालत ने इन्हें भी जेल भेज दिया है।

दिया था प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी का झांसा

साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि आरोपितों ने फरीदाबाद निवासी सेक्टर-21 निवासी एक युवक को नौकरी का झांसा देकर अपने अलग-अलग खातों में तीन लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। आरोपितों ने युवक को पहले प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी दिलाने का वादा किया था, इसके बाद उसे जिगोलो की नौकरी दिलाने की बात करने लगे। तब युवक को संदेह हुआ और उसने पुलिस को शिकायत दी। इस मामले की जांच करते हुए साइबर थाना पुलिस ने आरोपितों को दबोचा। इनके कब्जे से पुलिस ने मोबाइल, सिम कार्ड व 1.80 लाख रुपये बरामद किए हैं।

फर्जी पते पर खुले खातों में लेते थे ठगी की रकम

इंस्पेक्टर बसंत कुमार ने बताया कि आरोपितों ने फर्जी कागजातों के आधार पर कई बैंक खाते खुलवाए हुए हैं। इन खातों में आरोपित ठगी की रकम ट्रांसफर कराते थे। आरोपितों के 50 से अधिक खातों की जानकारी साइबर थाना पुलिस को मिली है। जांच में इन खातों में एक साल के अंदर 70 लाख से अधिक का लेन-देन पाया गया है। आरोपितों ने दिल्ली के गोविदपुरी में फर्जी कॉल सेंटर बना रखा था। यूनिस खान इसे चलाता था। फर्जी बैंक खाते उसे मामुद्दीन व असरफ लाकर देते थे। फुरकान फर्जी सिम लाकर देता था।

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