जान की परवाह करता तो उस बहन को कैसे बचा पाता

शनिवार शाम आत्महत्या के इरादे से सेक्टर-28 मेट्रो स्टेशन के छज्जे पर बैठी युवती को मेट्रो थाने में तैनात सिपाही सरफराज खान ने अपनी जान पर खेलकर बचाया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 04:41 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 04:41 PM (IST)
जान की परवाह करता तो उस बहन को कैसे बचा पाता
जान की परवाह करता तो उस बहन को कैसे बचा पाता

हरेंद्र नागर, फरीदाबाद

शनिवार शाम आत्महत्या के इरादे से सेक्टर-28 मेट्रो स्टेशन के छज्जे पर बैठी युवती को मेट्रो थाने में तैनात सिपाही सरफराज खान ने अपनी जान पर खेलकर बचाया। उनका कहना है कि अगर मैं अपनी जान की परवाह करता तो उस बहन को कैसे बचा पाता। परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि ज्यादा सोचने का वक्त नहीं था। युवती किसी भी समय छलांग लगा सकती थी। करीब 70 फुट ऊंचाई से गिरने के बाद युवती का बचना नामुमकिन था। सरफराज ने बताया कि शनिवार शाम वे सेक्टर-28 मेट्रो स्टेशन के आस-पास ही थे। तभी थाना प्रभारी मदन गोपाल ने उन्हें तुरंत सेक्टर-28 मेट्रो स्टेशन पहुंचने का आदेश दिया। जब वे पहुंचे तो देखा कि 23-24 साल की युवती स्टेशन के छज्जे पर हाईवे की तरफ पैर लटकाकर बैठी है। सीआइएसएफ के जवान और अन्य लोग उसे ऊपर आने के लिए कह रहे थे, मगर वह जान देने की जिद पर अड़ी थी। मौके पर पहुंचे सरफराज ने सीआइएसएफ कर्मचारियों से कहा कि युवती को बातों में लगाकर ध्यान बंटाएं। सीआइएसएफ कर्मियों ने ऐसा ही किया। इस दौरान सरफराज दूसरी तरफ से छज्जे पर युवती के पास पहुंच गए और कसकर उसका हाथ पकड़ लिया। तब तक भीड़ में मौजूद एक अन्य युवक भी छज्जे पर आ गया। इसके बाद युवती को सकुशल छज्जे से ऊपर खींच लिया गया। जिस छज्जे पर युवती बैठी थी, उसकी चौड़ाई महज दो फुट है। अगर युवती जरा भी विरोध करती तो सरफराज भी छज्जे से नीचे गिर सकते थे। युवती को बचाने का सरफराज का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। जिसने भी यह वीडियो देखा, वह सरफराज की सूझबूझ और हिम्मत की तारीफ किए बिना नहीं रहा। सरफराज नूंह के गांव ढेंकली निवासी है। साल 2012 में वे बतौर सिपाही हरियाणा पुलिस में भर्ती हुए। करीब दो महीने से उनकी ड्यूटी मेट्रो थाने में लगी।

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