आपदा के असुर : मरीज को ना लगाकर चोरी कर लेते थे रेमडेसिविर का इंजेक्शन

इन पर जिम्मेदारी थी रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीज को लगा कर उनकी जान बचाने की पर ऐसा न करके यह कालाबाजारी कर जेब भरने में संलिप्त पाए गए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 05:29 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 05:29 PM (IST)
आपदा के असुर : मरीज को ना लगाकर चोरी कर लेते थे रेमडेसिविर का इंजेक्शन
आपदा के असुर : मरीज को ना लगाकर चोरी कर लेते थे रेमडेसिविर का इंजेक्शन

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जब बाड़ ही खेत को खाने लगे, तो फिर नतीजों का परिणाम क्या होगा, यह बताने की जरूरत नहीं। कुछ ऐसे ही आरोप में पकड़े गए हैं नर्सिंग स्टाफ व फार्मासिस्ट का काम करने वाले सात लोग। इन पर जिम्मेदारी थी रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीज को लगा कर उनकी जान बचाने की, पर ऐसा न करके यह कालाबाजारी कर जेब भरने में संलिप्त पाए गए। सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इन्हें गिरफ्तार किया है। इनमें शामिल चार युवक निजी अस्पताल में नर्सिंग कर्मचारी हैं, जबकि दूसरे गिरोह में एक युवक निजी अस्पताल में फार्मासिस्ट है और बाकी दो उसके साथी। सभी आरोपित अस्पताल से ही इंजेक्शन चोरी करते थे। क्राइम ब्रांच ने गहन पूछताछ के लिए सभी को अदालत से रिमांड पर लिया है। सभी आरोपितों से 20 इंजेक्शन बरामद हुए हैं। सभी आरोपितों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, कास्मेटिक्स एंड ड्रग्स सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मरीजों की जान से कर रहे थे खिलवाड़

क्राइम ब्रांच सेक्टर-56 प्रभारी रविदर कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रह रहे हैं और अनखीर चौक पर एक व्यक्ति को इंजेक्शन देने आएंगे। रविदर ने टीम गठित कर मौके पर तैनात कर दी। थोड़ी देर बाद ही तीन युवकों को मौके से पकड़ लिया। इनमें गांव अनखीर निवासी संतोष कुमार, लवकुश और ओमप्रकाश शामिल हैं। सभी आरोपित निजी अस्पताल में नर्सिंग कर्मचारी हैं। उनके पास से क्राइम ब्रांच ने मौके पर छह इंजेक्शन बरामद किए। 10 इंजेक्शन उन्होंने बाद में बरामद कराए। इनके एक साथी तपन को क्राइम ब्रांच ने बाद में पकड़ा। आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि मरीजों को इंजेक्शन लगाने की बजाय वे अपने पास रख लेते थे। किसी मरीज को आधा इंजेक्शन लगाते थे, बाकी आधा दूसरे को लगा देते थे। इस तरह एक इंजेक्शन बच जाता था। क्राइम ब्रांच ने आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। कालाबाजारी में शामिल था अस्पताल का फार्मासिस्ट

क्राइम ब्रांच बदरपुर बार्डर प्रभारी सेठी मलिक ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि तीन युवक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में संलिप्त हैं। वे इंजेक्शन बेचने के लिए सेक्टर-16ए पहुंचेंगे। सेठी मलिक ने टीम गठित कर सेक्टर-16ए में तैनात कर दी। थोड़ी देर बाद इंजेक्शन बेचने आए तीन युवकों को दबोच लिया। इनमें गांव बामनी खेड़ा निवासी विरेंद्र, डबुआ कालोनी निवासी भूपेंद्र और एसजीएम नगर निवासी पवन शामिल हैं। आरोपितों के पास से क्राइम ब्रांच ने रेमडेसिविर के चार इंजेक्शन बरामद किए। इनसे पूछताछ में पता चला कि भूपेंद्र निजी अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत था। इंजेक्शन उसके संरक्षण में रहते थे। वहीं से उसने इंजेक्शन चोरी किए। बाकी दो उसके साथी हैं।

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