सड़कें स्मार्ट बनाने में रुकावट पैदा कर रहे सरकारी विभाग

शहर की सड़कों को स्मार्ट बनाने में सरकारी विभागों की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:21 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:21 PM (IST)
सड़कें स्मार्ट बनाने में रुकावट पैदा कर रहे सरकारी विभाग
सड़कें स्मार्ट बनाने में रुकावट पैदा कर रहे सरकारी विभाग

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : शहर की सड़कों को स्मार्ट बनाने में सरकारी विभागों की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है। इस वजह से कई जर्जर सड़कों को दुरुस्त नहीं किया जा सका है। कई बार कहने के बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। इसी मामले को लेकर शुक्रवार को जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने लघु सचिवालय में संबंधित विभागों के अधिकारियों संग बैठक की। बैठक में मुख्य रूप से स्मार्ट सिटी लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. गरिमा मित्तल मौजूद थी। जिला उपायुक्त ने जाहिर की नाराजगी

जिला उपायुक्त ने इस मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शहर में सड़कों के निर्माण कार्यों में किसी भी तरह की रुकावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिस सड़क के निर्माण में किसी विभाग अथवा एजेंसी से कोई दिक्कत आ रही है, उसकी एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़कें बनाने में सहयोग करें। उपायुक्त ने कहा कि फरीदाबाद स्मार्ट सिटी के अंतर्गत बनने वाली सड़कों के निर्माण में कुछ रुकावट आने की शिकायतें पिछले काफी दिनों से मिल रही थी। इस वजह से सड़कों के निर्माण अधूरे पड़े हैं। कई स्थानों पर गड्ढे भरने में भी दिक्कत आ रही है। 30.4 किलोमीटर सड़कों का रुका काम

बैठक के दौरान डा. गरिमा मित्तल ने बताया की शहर में 30.4 किलोमीटर लंबी सड़कों का कार्य निर्माणाधीन है। लेकिन विभिन्न विभागों की अनुमति ना मिलने के कारण काम में देरी हो रही है। नगर निगम की वजह से 10.28 किलोमीटर, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की वजह से 10.20 किलोमीटर, अदानी ग्रुप की वजह से 8.48 किलोमीटर, बीएसएनएल की वजह से 14.08 किलोमीटर, वन विभाग की वजह से 4.54 किलोमीटर और सिचाई विभाग की वजह से 0.7 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में रुकावट आ रही है। बता दें कहीं बिजली, गैस, टेलीफोन की लाइन आ रही है तो कहीं पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिली है। अब होगी साप्ताहिक समीक्षा

डा.गरिमा मित्तल ने बताया की इन सभी कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी एवं जरूरत पड़ने पर इसे नागरिक स्तर सलाहकार फोरम पर भी लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अगली समीक्षा बैठक 3 मई को होगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह तय सीमा के अंदर निर्माणाधीन कार्यों को पूरा करें। इसके साथ ही कार्यों की गुणवत्ता पर भी पूरा ध्यान रखा जाए।

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