स्वच्छता के अग्रदूत बने बुजुर्ग, पार्क लिया गोद

स्वच्छता की बातें तो सभी करते हैं पर इसमें योगदान बहुत कम लोग करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 08:22 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 08:22 PM (IST)
स्वच्छता के अग्रदूत बने बुजुर्ग, पार्क लिया गोद
स्वच्छता के अग्रदूत बने बुजुर्ग, पार्क लिया गोद

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद : स्वच्छता की बातें तो सभी करते हैं, पर इसमें योगदान बहुत कम लोगों का होता है। करें भी क्या भागदौड़ भरी जिदगी में अपने काम से ही फुर्सत नहीं मिल पाती, पर बल्लभगढ़ की विभिन्न कालोनियों में रहने वाले बुजुर्ग एक अलग तरह का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उम्र के जिस पड़ाव में लोग केवल सैर करने तक सीमित रहते हैं, वहीं बुजुर्गों की टोल पार्क में रोज साफ-सफाई करती नजर आती है। इन्होंने इस अभियान को स्वच्छता अभियान समूह नाम दिया है। बुजुर्गों को पहल करते देख अब इस समूह का लगातार विस्तार हो रहा है। नतीजे भी सामने आने लगे हैं। फिलहाल इस समूह से जुड़े लोगों ने सेक्टर-2 के पार्क को गोद लिया है, जिसकी दशा सुधारने में लगे हुए हैं। हर कालोनी में बना रहे हैं टीम

समूह से नरेंद्र मलिक, आजाद चिकारा, रामरतन, सुभाष चौधरी, बृजकिशोर, सुरेंद्र, दयानंद, प्रकाश भाटी, एसपी सिंह सहित अन्य काफी लोग जुड़े हुए हैं। नरेंद्र मलिक, रामरतन, आजाद बताते हैं कि उनका उद्देश्य न केवल अपनी कालोनी व सेक्टर को साफ रखना है, बल्कि पूरे बल्लभगढ़ और फिर जिले में इस अभियान को कारगर बनाना है। इसकी शुरुआत आसपास की कालोनियों से की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि उनके साथ दर्जनभर कालोनियों से बुजुर्ग व युवा जुड़े हुए हैं। सभी को अपनी टीम का लीडर बनाया हुआ है। इसके लिए समूह का आई कार्ड जारी किया हुआ है। टीम लीडर अपने अधीन वालंटियर बनाता है। इसके बाद सभी अपनी कालोनियों के पार्क सहित ऐसे मैदान को चुनते हैं, जहां साफ-सफाई की जा सके। समूह ने फिलहाल सेक्टर-2 के पार्क में सफाई का जिम्मा उठाया हुआ है। सैर करने के साथ-साथ पार्क में कचरे को एकत्र किया जाता है। पेड़ों की छंटाई कराई जाती है। पार्क की चहारदीवारी पर सफेदी कराई गई। पार्क में पेड़-पौधों का रखरखाव किया जा रहा है। इसके लिए वह आपस में चंदा एकत्र करते हैं। इस दौरान वह पार्क में आने वाले अन्य लोगों को जागरूक करते हैं ताकि टीम का विस्तार हो सके। वह हर कालोनी में अपनी टीम बनाने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल उनके समूह से 100 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। बुजुर्गों का यह प्रयास आसपास की कालोनियों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।

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