पराली जलाने से रोकने के लिए निगरानी कमेटियां गठित

औद्योगिक नगरी में वायु प्रदूषण पर अंकुश के लिए पराली जलाने को लेकर सख्ती की जा रही है। जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने इसके लिए जिला उपमंडल तहसील ब्लॉक व गांव स्तर पर कमेटियों का गठन किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 04:13 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 04:13 PM (IST)
पराली जलाने से रोकने के लिए निगरानी कमेटियां गठित
पराली जलाने से रोकने के लिए निगरानी कमेटियां गठित

जासं, फरीदाबाद : औद्योगिक नगरी में वायु प्रदूषण पर अंकुश के लिए पराली जलाने को लेकर सख्ती की जा रही है। जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने इसके लिए जिला, उपमंडल, तहसील, ब्लॉक व गांव स्तर पर कमेटियों का गठन किया है। इसमें शामिल अधिकारी रोजाना संबंधित एसडीएम के जरिये शाम चार बजे तक रिपोर्ट जिला उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। इस बाबत किसानों से भी आग्रह किया गया है कि वे फसल अवशेष बिल्कुल न जलाएं।

अक्सर किसान अपने खेत में फसल काटने के बाद अवशेष में आग लगा देते हैं। इससे प्रदूषण के स्तर पीएम 2.5 की मात्रा काफी बढ़ जाती है। दिवाली के आसपास तक तो यह स्तर 400 को भी पार कर जाता है। ऐसे में आमजन को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन होती है। सर्वाधिक परेशानी श्वांस रोगियों को होती है। आम दिनों में भी यह स्तर 300 के आसपास रहता है। एनजीटी व हाईकोर्ट भी सख्त

बकौल जिला उपायुक्त यशपाल यादव, इस मामले को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) व हाईकोर्ट भी सख्त है। इनके आदेशानुसार जिले में विभिन्न एन्फोर्समेंट व मोबाइल टीम गठित हुई है। ग्रामीण स्तर की कमेटी में संबंधित पटवारी, सरपंच और कृषि विभाग के कर्मचारियों को शामिल किया गया है। ब्लॉक स्तर पर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, कानूनगो और खंड शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। उपमंडल स्तर पर संबंधित एसडीएम, तहसीलदार, एसडीओ व सहायक पुलिस आयुक्त शामिल हैं। जिला स्तरीय कमेटी में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, कृषि उपनिदेशक, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी फरीदाबाद एवं बल्लभगढ़ को शामिल किया गया है। उपायुक्त ने बताया कि यह सभी टीम अपने-अपने क्षेत्रों में फसल अवशेष जलाने की घटनाएं प्रभावी ढंग से रोकने और समय पर कार्रवाई करेंगी।

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