सीवर का पानी, लील रहा पेड़-पौधों की जिदगानी
आइएमटी पुल की ग्रीन बेल्ट व हुडा की तीस एकड़ जमीन पर सीवर का पानी भरा हुआ है जिसके कारण तमाम पेड़ पौधे सूख गए हैं।
प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद : पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरे विश्व में पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इसका उद्देश्य ये है कि लोग पेड़ों की रक्षा करने को आगे आएं। खूब पौधे लगाएं, ताकि प्रकृति खिली-खिली रहे। अब वन विभाग भी हर साल लाखों पौधे लगाने के दावे करता है, पर इनमें से अधिकतर रखरखाव न होने से दम तोड़ देते हैं। अगर पौधे पनप भी जाते हैं, तो अधिकारियों की उदासीनता उन्हें खत्म कर देती है।
बतौर उदाहरण अगर सेक्टर-2 बाईपास चौराहे से लेकर आइएमटी पुल के बीच के ग्रीन बेल्ट की बात करें, तो यहां काफी समय से ग्रीन बेल्ट में सीवर का पानी भरा है। इससे काफी पेड़-पौधे सूख गए हैं। अब न तो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) और ना ही नगर निगम अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहे हैं। दोनों विभागीय अधिकारी एक-दूजे की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। इससे समस्या के समाधान की ओर कदम नहीं बढ़ सका है। हुडा की 30 एकड़ जमीन बनी दलदल
तिगांव मुख्य मार्ग किनारे नीमका जेल की बगल में हुडा की 30 एकड़ जमीन है। इस पर काफी समय से सीवर का पानी भरा है। सीवर का पानी किसका है, इसे लेकर नीमका जेल प्रबंधन और नगर निगम अधिकारी आमने-सामने रहते हैं। इस जमीन की एक ओर मिर्जापुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं। लापरवाही किसी की भी हो, लेकिन यहां काफी पेड़-पौधे सूख गए हैं, जो आए दिन गिरते रहते हैं। बाईपास रोड किनारे पानी नगर निगम के नाले का नहीं है, क्योंकि यहां तक नगर निगम की लाइन जा ही नहीं रही है। यह पानी हुडा का हो सकता है।
-रवि शर्मा, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम। ग्रीन बेल्ट में भरा पानी नगर निगम का ही है। इस बारे में नगर निगम अधिकारियों से कई बार कहा भी गया है। हमारे सेक्टरों का गंदा पानी यहां आता ही नहीं है।
-अजीत सिंह, कार्यकारी अभियंता, हुडा।