संसाधन हैं कम, मिलावटखोर कर रहे खाद्य सामग्री को बेदम

सीमित संसाधनों एवं अधिकारियों की कमी की वजह से जिलेवासियों को सुरक्षित खाद्य सामग्री नहीं मिल पा रही है। मिलावटी खाद्य सामग्री लोगों को बीमार कर रही हैं। हालांकि मिलावट रहित खाद्य साग्रमी उपभोक्ताओं को मुहैया कराने के लिए फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट के तहत सभी को लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन किया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 07:31 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 07:31 PM (IST)
संसाधन हैं कम, मिलावटखोर 
कर रहे खाद्य सामग्री को बेदम
संसाधन हैं कम, मिलावटखोर कर रहे खाद्य सामग्री को बेदम

अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद : सीमित संसाधनों एवं अधिकारियों की कमी की वजह से जिलेवासियों को सुरक्षित खाद्य सामग्री नहीं मिल पा रही है। मिलावटी खाद्य सामग्री लोगों को बीमार कर रही हैं। हालांकि मिलावट रहित खाद्य सामग्री उपभोक्ताओं को मुहैया कराने के लिए फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट के तहत सभी का लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद भी जिले में धड़ल्ले से मिलावटी खाद्य सामग्री बाजारों में बिक रही है। स्वास्थ्य विभाग के पास खाद्य सुरक्षा के नियमों के तहत मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीमित संसाधन हैं, जिस कारण काम के दौरान उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विभाग केवल त्योहार के दौरान ही खाद्य सामग्रियों के नमूने भर पाता है। इसके अलावा एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी एक से अधिक जिलों का इंचार्ज होता है। वह एक जिले में दो दिन से अधिक समय तक काम नहीं कर पाते हैं। इस वर्ष नहीं हुई कार्रवाई

जिले में खाद्य एवं सुरक्षा विभाग अधिकारी नहीं होने की वजह से इस वर्ष अभी तक खाद्य सामग्री के नमूने नहीं लिए गए हैं। इसका मुख्य कारण खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी है। निवर्तमान खाद्य सुरक्षा अधिकारी पृथ्वी सिंह के बाद कोई स्थायी अधिकारी नहीं आया है। संदीप चौधरी को फरीदाबाद नियुक्त किया गया था, लेकिन उनके पास पलवल जिले का कार्यभार था। बता दें पिछले वर्ष करीब 40 सैंपल लिए गए थे। मिलावटी खाद्य पदार्थो से उल्टी, दस्त, एसिडिटी, पेट में संक्रमण, आंत सबंधी रोग, पीलिया का खतरा रहता है। मिलावटी पदार्थों में अगर लेड, मैग्नीज आदि हानिकारक तत्व मिले हों तो कैंसर जैसे गंभीर रोग की संभावना रहती है। मिलावटी खाद्य पदार्थो का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है।

-डॉ. सन्नी डहनवाल, चिकित्सा अधिकारी, खेड़ीकलां स्वास्थ्य विभाग के पास यदि खाद्य सामग्री में मिलावट से संबंधित शिकायत आती है, तो खाद्य सुरक्षा विभाग को भेज दी जाती है और सैंपलिग करके उचित कार्रवाई की जाती है।

-डॉ. कृष्ण कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।

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