सावन का पहला सोमवार, घरों में ही होगी शिव आराधना

मेरी तो भोले बाबा ने सुन ली बस मैं तो तभी से कांवड लेकर हरिद्वार जाने लगी थी। मेरे 4 बेटियां और 2 बेटे हैं। एक बेटा कहता था कि वह कभी शादी नहीं करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 06:42 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:42 PM (IST)
सावन का पहला सोमवार, घरों में ही होगी शिव आराधना
सावन का पहला सोमवार, घरों में ही होगी शिव आराधना

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : मेरी तो भोले बाबा ने सुन ली, बस मैं तो तभी से कांवड़ लेकर हरिद्वार जाने लगी थी। मेरी चार बेटियां और दो बेटे हैं। एक बेटा कहता था कि वह कभी शादी नहीं करेगा। उसकी शादी की फिक्र थी, मगर वह राजी नहीं हो रहा था। कई रिश्ते आ रहे थे। मैंने मन्नत मांग ली थी कि अगर मेरा बेटा शादी को राजी हो जाएगा, तो मैं कांवड़ लेकर जाऊंगी। बस तभी से कांवड़ लेकर जा रही हूं। अब चूंकि कांवड़ यात्रा पर जाने के हालात नहीं हैं, तो मैं यहीं सावन के हर सोमवार का व्रत रखूंगी।

यह कहना है फ्रंटियर कॉलोनी निवासी देवी वर्मा का। देवी वर्मा कहती हैं कि कोरोना संकट के मद्देनजर सबको एहतियात बरतनी चाहिए। मैं भी सरकार के नियमों का पालन करते हुए घर में शिव की पूजा करुंगी। लगता है कि इस बार भोले बाबा का बुलावा नहीं है।

अबकी साल सावन के महीने में पांच सोमवार आ रहे हैं। सोमवार से सावन शुरू हो रहा है और सोमवार को ही सावन का अंतिम दिन होगा। न तो मंदिर के कपाट खुले हैं और न ही कांवड़ यात्रा की अनुमति है। ऐसे में शिव भक्त अपने घरों में रहकर ही शिव की आराधना करेंगे। वर्जन..

मैं 19 वर्षों से कांवड़ लेकर हरिद्वार जा रहा हूं। इस बार के हालात को देखते हुए नियमों का पालन करते हुए ही पूजा करुंगा। मन चाहता है कि कांवड़ लेकर जाऊं, लेकिन सरकार के आदेशों को मानना जरूरी है। यहीं घर में पूजा करुंगा। खुद की और औरों की भी इसी में सुरक्षा है। मेरी नजर में देशहित सर्वोपरि है।

-चुन्नी लाल खत्री, एनआइटी 2 नंबर एच ब्लाक निवासी। मैं नौ वर्षों से लगातार कांवड़ लेकर जा रहा हूं। इस बार जिस तरह के हालात हैं, उसके अनुसार मुझे यहीं शिव आराधना करनी होगी।

-अनमोल। मैं दस वर्षों से कांवड़ लेकर जा रहा हूं। भोले बाबा का गुणगान करते हुए पहले पैदल जाते थे और पैदल ही आते थे। इस बार जाने की इजाजत नहीं है, तो मैं यहीं सावन के महीने में रोजाना शिव की पूजा-अर्चना करुंगा। देश के नियम सबसे पहले हैं।

-तरुण ढींगड़ा।

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