वीटा मिल्क प्लांट को बावल ले जाने की बन रही योजना

वीटा मिल्क प्लांट को बल्लभगढ़ से बावल ले जाने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 07:23 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 07:23 PM (IST)
वीटा मिल्क प्लांट को बावल 
ले जाने की बन रही योजना
वीटा मिल्क प्लांट को बावल ले जाने की बन रही योजना

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : वीटा मिल्क प्लांट को बल्लभगढ़ से बावल ले जाने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है। प्लांट के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की 10 दिसंबर को बैठक होना प्रस्तावित है। यदि इसमें प्रस्ताव पारित हो गया, तो यहां से प्लांट को बंद कर दिया जाएगा। यदि प्लांट बंद होता है तो हजारों की संख्या में किसानों को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ सकता है।

बल्लभगढ़ वीटा प्लांट की शुरुआत जिले के पशुपालकों को स्वरोजगार देने के लिए 1977 में शुरू की गई थी। करीब 40 एकड़ भूमि में लगे इस प्लांट में फरीदाबाद, पलवल, नूंह और गुरुग्राम के किसानों की 563 सहकारी समितियों के माध्यम से करीब 50 हजार किसानों का और 18 हजार किसान सीधे दूध देकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। प्लांट में रोजाना एक लाख लीटर दूध आता है। यहां पर करीब 450 कर्मचारी काम करते हैं। प्लांट से किसी भी तरह का प्रदूषण भी नहीं है। यहां पर बायलर पीएनजी से चलाया जाता है और करीब 10 हजार छोटे-बड़े पौधे लगे हुए हैं। अब यदि प्लांट को बदल कर बावल में लगाया जाता है, तो एक बार फिर बल्लभगढ़ की सहकारी समिति को ही 250 करोड़ का ऋण लेना होगा। 1977 में लिए गए ऋण पिछले वर्ष तक प्लांट ने भुगतान किया है। ऐसी जानकारी मिली कि प्लांट को यहां से स्थानांतरित कर इस जगह पर स्टेडियम और अस्पताल बनवाने की योजना है।

अब यदि प्लांट यहां से स्थानांतरित होता है तो सबसे ज्यादा नुकसान किसानों और कर्मचारियों को होगा। यहां के कर्मचारी वहां पर नौकरी नहीं कर पाएंगे और न ही यहां के किसानों का दूध वहां जाएगा। प्लांट में लगे 10 हजार पेड़ भी काटे जाएंगे, जिसका पर्यावरण को नुकसान होगा। प्लांट बदले जाने के विरोध में ज्ञापन

वीटा प्लांट को बल्लभगढ़ से बावल बदले जाने के विरोध में डेयरी के चेयरमैन सुरेश कुमार के नेतृत्व में किसान केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, पृथला के विधायक नयनपाल रावत को ज्ञापन दे चुके हैं और इस ज्ञापन की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजी है। वीटा प्लांट को बदले जाने के बारे में 10 दिसंबर को बोर्ड की बैठक है। बोर्ड के 12 सदस्य हैं, जिनमें तीन कर्मचारी होते हैं। यदि बोर्ड प्रस्ताव पारित करेगा तो प्लांट बदल जाएगा, यदि प्रस्ताव पारित नहीं होता है, तो प्लांट नहीं बदला जाएगा।

-चरण सिंह, सीईओ वीटा प्लांट बल्लभगढ़

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