नागरिक फीडबैक में जनमानस का विश्वास जीतने को करने होंगे काम

इंदौर ने स्वच्छता के मामले में देश भर में अपनी पहचान बनाई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 08:11 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 08:11 PM (IST)
नागरिक फीडबैक में जनमानस का विश्वास जीतने को करने होंगे काम
नागरिक फीडबैक में जनमानस का विश्वास जीतने को करने होंगे काम

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : इंदौर ने स्वच्छता के मामले में देश भर में अपनी पहचान बनाई है, तो अपनी औद्योगिक नगरी को अभी बहुत कुछ करना है। खामियों के चलते अभी नगर निगम लोगों का विश्वास नहीं जीत पाया है। नागरिक फीडबैक की बात करें, तो इंदौर के लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।

अपने यहां ऐसी स्थिति ही नहीं है कि जब कोई उनसे उनके शहर की सफाई व्यवस्था के बारे में फीडबैक ले, तो वो कुछ अच्छा बता सकें। व्यवस्था में सुधार के लिए नगर निगम को हर आरडब्ल्यूए को अपने साथ जोड़ना होगा। ऐसे ही नागरिकों को भी देश व समाज के प्रति समर्पित होकर आगे आना होगा।

नागरिक फीडबैक में अपना शहर इसलिए पिछड़ रहा है, क्योंकि निगम उन्हीं दिनों जागता है, जब केंद्र की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए टीम आती है। जब मोबाइल में फीडबैक दर्ज कराना होता है, तो सही तरीके से प्रचार नहीं किया जाता। लोगों को पता ही नहीं लगता कि कहां पर और कब फीडबैक दर्ज कराना है, दूसरा जो लोग जागरूक भी हैं, तो उन्हें शहर में ऐसा कुछ दिखता ही नहीं कि कुछ अच्छा कह सकें।

जागरण ने जब शहर की वार्ड कमेटी के चेयरमैन, आरडब्ल्यूए और स्वच्छता प्रहरी से बातचीत की, तो यह सब बातें सामने आईं। बड़ी बात यह है कि नगर निगम की टीम की तरह ठेकेदार के कर्मचारी भी स्वच्छता के प्रति गंभीर नजर नहीं आते। जब कभी कहीं सीवर लाइनों की सफाई होती है, तो गंदगी निकाल कर सड़क पर जमा कर दी जाती है। कई दिनों तक गंदगी नहीं उठाई जाती। नगर निगम का कोई अधिकारी निरीक्षण भी नहीं करता कि ठेकेदार के कर्मचारी कैसा काम कर रहे हैं। ऐसे हालात में जब स्वच्छता निरीक्षण किया जाता है, तो रैंकिग में शहर कैसे आगे आता, सोचने वाली बात है।

-------

41वीं रैंकिग पर इंटरनेट मीडिया पर भी कटाक्ष

औद्योगिक नगरी की स्वच्छता रैंकिग 41वीं आने पर इंटरनेट मीडिया पर भी शहरवासी जम कर कटाक्ष कर रहे हैं। फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर पर भी प्रतिक्रिया स्वरूप कहा कि जब तक निगम अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक हम नीचे से ही प्रथम आएंगे। नगर निगम की कार्यप्रणाली बहुत ही निराशाजनक रही है। नगर निगम की टीम ने न तो शहर की साफ-सफाई का ध्यान रखा और न ही सीवर सिस्टम को सुधारने के कोई प्रयास किए गए। आज तक नगर निगम के किसी भी अधिकारी ने आरडब्ल्यू के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर सेक्टर की किसी भी समस्या के समाधान का प्रयास नहीं किया। अभी हमारे पास वक्त है। वर्ष 2022 में फिर से स्वच्छ सर्वेक्षण होना है। हम सबको मिल कर जुट जाने की जरूरत है।

-शीशपाल कंबोज, महासचिव, सेक्टर-48, आरडब्ल्यूए।

------------

शहर में कई जगह रेहड़ियां लगती हैं। हम बाजारों में निगम की टीम के साथ जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करें। इधर-उधर कचरा न फैलाएं। दुकानदार डस्टबिन रखे। पिछली कमियों से सबक लेकर हमें सुधार करने की जरूरत है। हमें नगर निगम का सहयोग करना चाहिए, तभी हम अच्छी रैंकिग हासिल कर पाएंगे।

-जसवंत सिंह, पार्षद तथा 14 नंबर वार्ड कमेटी के चेयरमैन।

----बाक्स------

मैं भी स्वच्छता प्रहरी

व्यक्ति के रहन-सहन और उनके जीवन की बात करें, तो सफाई का अहम योगदान है। इस बात को समझने की जरूरत है कि जहां स्वच्छता है, वहीं स्वास्थ्य है। स्वच्छता अभियान को मजबूती देने के लिए हर नागरिक आगे आए। नगर निगम की कमियों पर चर्चा न करके हमें अपने शहर के प्रति जिम्मेदारी निभानी है।

स्वच्छता के मिशन को कामयाब करना है, तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाए। अकेले नहीं, परंतु सामूहिक प्रयासों से सफाई सुनिश्चित हो पाएगी।

हर आरडब्ल्यूए का यह परम दायित्व होना चाहिए कि अपने-अपने क्षेत्र में सफाई पर विशेष ध्यान दें, ताकि हम स्वच्छता के मामले में आगे बढ़ते रहें। मेरा भरसक प्रयास रहता है कि नगर निगम की टीम के साथ मिल कर और स्थानीय निवासियों के सहयोग से समस्याओं का निवारण करता रहूं। आने वाले दिनों में इस तरह से स्वच्छता अभियान को और अधिक बल देकर योगदान देने की शपथ लेता हूं।

-संजय महेंद्रू, तीन नंबर एच ब्लाक।

--------

अतिरिक्त निगमायुक्त इंद्रजीत कुलड़िया से तीन सवाल प्रश्न-निगम की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं शहर की आरडब्ल्यूए, क्या कहते हैं आप?

उत्तर: हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि हर सामाजिक संगठन को स्वच्छता अभियान से जोड़ा जाए।

बहुत सी आरडब्ल्यूए हमारे साथ जुड़ी हैं। प्रश्न: आम नागरिक को स्वच्छता अभियान से जोड़ने के लिए क्या कर रहे है?

उत्तर: हमने वार्ड और मोहल्ला कमेटियां बनाई हैं। पार्षद इस कमेटी के चेयरमैन हैं।

निगम अधिकारियों की मौजूदगी में कमेटियों की लगातार बैठकें हो रही हैं। जागरूकता अभियान चल रहे हैं। प्रश्न-नए वर्ष में होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर क्या कहेंगे आप?

उत्तर: उम्मीद है कि हम बेहतर स्थिति में होंगे। जिस तरह से हमारे मास्टर ट्रेनर स्वच्छता का संदेश जन-जन तक पहुंचा रहे हैं, उससे हम अच्छी रैंकिग हासिल कर पाएंगे।

chat bot
आपका साथी