स्ट्रीट वेंडर योजना: निजी एजेंसी ने फर्जी तैयार की थी सर्वे रिपोर्ट

निजी एजेंसी ने नगर निगम क्षेत्र में फर्जी तरीके से पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना की सर्वे रिपोर्ट तैयार की थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Dec 2020 06:13 PM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2020 06:13 PM (IST)
स्ट्रीट वेंडर योजना: निजी एजेंसी ने फर्जी तैयार की थी सर्वे रिपोर्ट
स्ट्रीट वेंडर योजना: निजी एजेंसी ने फर्जी तैयार की थी सर्वे रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : निजी एजेंसी ने नगर निगम क्षेत्र में फर्जी तरीके से पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना की सर्वे रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट के अनुसार शहर में 16 हजार से अधिक रेहड़ी-पटरी वाले दर्शाये गए थे। नगर निगम ने जब फील्ड में जाकर जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की, तो पता चला कि इनमें से करीब दस फीसद पते ही सही हैं। बाकी सर्वे रिपोर्ट में रेहड़ी-पटरी वालों का जो ब्योरा दर्शाया गया था, वह फर्जी है।

बता दें कि करीब दो वर्ष पूर्व सरकार के आदेश पर रेहड़ीमुक्त शहर अभियान शुरू किया गया था। निजी एजेंसी को शहर में सर्वे का काम सौंपा गया था। सर्वे करके एजेंसी की ओर से रेहड़ी-पटरी वालों का ब्यौरा नगर निगम को दिया जाना था। इस अभियान के तहत रेहड़ी पर फल-सब्जी बेचने वालों तथा अन्य कारोबार से जुड़े पटरी वालों को वेंडिग जोन में स्थानांतिरत किया जाना था। नगर निगम की ओर से वेंडिग जोन में जगह दी जानी थी और निजी एजेंसी को खोखानुमा रेहड़ी बनाकर देनी थाी।

सर्वे में रेहड़ी वालों का पूरा ब्यौरा, परिवार के सदस्यों की संख्या तथा मोबाइल नंबर की जानकारी निगम को उपलब्ध करानी थी। नगर निगम को निजी एजेंसी ने सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। सेक्टर-15 मार्केट तथा एनआइटी चिमनीबाई धर्मशाला के सामने वेंडिग जोन बना दिया गया। निजी एजेंसी पर आरोप लग रहे हैं कि रेहड़ी वालों से एक लाख रुपये तो ले लिए गए हैं, मगर उन्हें खोखानुमा रेहड़ी नहीं दी गई। इस मामले में जांच चल रही है। अब फर्जी ब्यौरा तैयार करने की बात सामने आई है। रेहड़ी वालों का जीवन स्तर संवारने का है मकसद

पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना का मकसद रेहड़ी वालों को 10 हजार रुपये का ऋण देकर उनके काम को बढ़ावा देना है, मगर फर्जी सर्वे रिपोर्ट से नगर निगम के अधिकारी इस काम को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। निजी एजेंसी की ओर से हमें सही रिपोर्ट नहीं मिली है। हमने सरकार को इस बारे अवगत करा दिया है। अब हम नगर निगम क्षेत्र में अपने सतर पर सर्वे करवा रहे हैं। निगम के 40 वार्डों के लिए 10 कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है। सर्वे रिपोर्ट पूरी होने के बाद वेंडिग जोन बनाएं जाएंगे। रेहड़ी-पटरी वाले अपने काम को बढ़ावा देने के लिए बैंक से आसानी से 10 हजार रुपये का ऋण ले सकते हैं। यह ऋण वर्ष भर में चुकाया जा सकता है।

- डा.यश गर्ग, निगमायुक्त

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