यूरिया के लिए किसान बिक्री केंद्रों के काट रहे हैं चक्कर
अब किसानों के सामने यूरिया खाद की गंभीर समस्या बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़: अब किसानों के सामने यूरिया खाद की गंभीर समस्या बनी हुई है। किसान सुबह से ही सरकारी खाद बिक्री केंद्रों पर यूरिया खरीदने के लिए आ जाते हैं। इफको केंद्र वाले उन्हें नैनो यूरिया खरीदने के लिए कहते हैं, लेकिन उसे अभी किसान खरीदने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि ये खर्चीला पड़ता है।
गेहूं की अगेती फसल में अब पहला पानी लगना शुरू हो चुका है। पहला पानी लगाने से पहले किसान अक्सर यूरिया खाद डालते हैं। अब किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। किसानों का कहना है कि जब उन्हें डीएपी की जरूरत होती है, तो प्रशासन डीएपी उपलब्ध नहीं करा पाता है और जब किसानों को यूरिया की जरूरत है, तो उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है। प्रशासन को किसानों की जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराना चाहिए।
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इफको खाद बिक्री केंद्र के अधिकारी नैनो यूरिया देते हैं। इसका स्प्रे किया जाता है। 240 रुपये का ये खाद और इसका स्प्रे करने वाला श्रमिक 300 रुपये की दिहाड़ी लेता है। ये 540 रुपये में पड़ेगा, जबकि खाद का कट्टा 260 रुपये का आता है और आधे घंटे में किसान खुद डाल देता है।
-राहुल, मोहब्ताबाद।
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यदि यूरिया की किल्लत ऐसे ही बनी रही, किसानों को काफी नुकसान होगा। क्योंकि अब की बार डीएपी न मिलने के कारण उन्होंने बिना खाद के बोआई की है। अब यूरिया नहीं मिला, तो बिना यूरिया के ही गेहूं में पानी लगाना पड़ेगा। इस तरह से फसल कमजोर होगी और उत्पादन प्रभावित होगा।
-उदयवीर, दयालपुर।
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किसान अभी समझ नहीं रहा है। आने वाले समय में दानेदार यूरिया खत्म हो जाएगा और इफको का ये नैनो तरल यूरिया ही चलेगा। पहले किसान इसका प्रयोग करके देखें। यदि इसके परिणाम सार्थक न निकलें, तो बताएं। दानेदार यूरिया से तरल 20 रुपये सस्ता भी है। एक बोतल में एक बैग की बराबर शक्ति है।
-अजीत सिंह यादव, इफको अधिकारी।
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जिले में अब तक यूरिया के 2000 बैग आ चुके हैं। अभी यूरिया को आने में कुछ समय लग सकता है। अगले सप्ताह तक यूरिया का रैक लगने की उम्मीद है। किसान दानेदार खाद के आने से पहले नैनो तरल का लाभ उठा सकते हैं। ये पानी लगाने के बाद स्प्रे किया जाता है।
-डा. हरीश यादव, गुणवत्ता नियंत्रक निरीक्षक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग फरीदाबाद।