लालकिले पर चढ़ उपद्रव करने पर लोगों में उबाल
गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले के अंदर घुसने तोड़फोड़ व उपद्रव करने और केसरिया रंग का झंडा फहराने की घटना की सर्वत्र निदा हो रही है। किसान नेताओं ने कहा है कि शांतिपूर्वक चल रहे किसान आंदोलन को इस तरह की हिसक घटनाओं से धक्का लगा है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले के अंदर घुसने, तोड़फोड़ व उपद्रव करने और केसरिया रंग का झंडा फहराने की घटना की सर्वत्र निदा हो रही है। किसान नेताओं ने कहा है कि शांतिपूर्वक चल रहे किसान आंदोलन को इस तरह की हिसक घटनाओं से धक्का लगा है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। किसान नेताओं ने कहा कि ऐसी अराजकता करने वाले किसान नहीं है, बल्कि देश विरोधी संगठनों के समर्थक हैं और इन्होंने किसान आंदोलन को पूरे देश के सामने शर्मसार किया है। किसान कभी भी हिसा का समर्थक नहीं करते।
मंगलवार की घटना का इंटरनेट मीडिया पर भी जबरदस्त विरोध हो रहा है, वहीं एनआइटी नंबर-2 में स्थानीय निवासियों ने अराजक तत्वों का पुतला जला कर विरोध जताया। एनआइटी निवासियों राकेश भाटिया, सुशील कुमार, कैलाश गुगलानी, भारतभूषण, राजू भाटिया, महेंद्र किट्टी, दिलीप भाटिया, इंदर झांब, सचिन, राहुल ने कहा कि शुरू से ही यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ ऐसा न हो जाए, जिससे देश को शर्मसार होना पड़ा और आशंकाएं सही साबित हुई। लालकिले पर तिरंगा फहराने के लिए हजारों नाम-अनाम वीरों, स्वतंत्रता सैनानियों ने अपने प्राणों को कुर्बान कर दिया और देश को गौरव दिलाया पर मंगलवार को अराजक तत्वों, उपद्रवियों के कृत्य ने इस तरह की शर्मनाक हरकतों को अंजाम दिया, यह कार्य पूरी तरह से निदनीय है।
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किसान तिरंगे का अपमान नहीं कर सकते। किसानों की आड़ में कुछ शरारती तत्वों ने पुलिस पर लाठी-डंडों और राड से हमला किया, ये निदनीय है। जिन्होंने भी ये कृत्य किया है, उसकी हर जिम्मेदार किसान निदा ही करता है। ऐसे दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
- राजेश भाटी, प्रधान ईस्टर्न पेरिफेरल किसान संघर्ष समिति फरीदाबाद
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जिन लोगों ने लालकिले पर केसरिया रंग का झंडा फहराया है, उनका किसान आंदोलन से कोई वास्ता नहीं है, क्योंकि किसान कभी भी अपने साथ किसी संप्रदाय विशेष से ताल्लुक रखने वाला झंडा लेकर नहीं चलते। लालकिले पर झंडा फहरा कर हजारों शहीदों का अपमान किया गया है और किसान आंदोलन को बदनाम किया है। किसानों ने जब दो महीने से हिसा नहीं की, तो वे ट्रैक्टर परेड के दौरान भी इस तरह की घटना नहीं कर सकते। ये कुछ देश विरोधी लोगों की सोची-समझी चाल है।
-बृजमोहन वशिष्ठ, चेयरमैन हरियाणा किसान संघर्ष समिति
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लालकिले के अंदर घुस कर जो कुछ किया गया, वह पूरी तरह से गलत है। किसानों को धैर्य रखना चाहिए था। प्रशासन और किसान नेता भी भीड़ को संभाल नहीं पाए। इसलिए ये घटना घटी। दिल्ली में जो कुछ हुआ, वो पूरी तरह से निदनीय है और हमारे लोकतांत्रिक देश पर विश्व के कुछ अन्य देशों को अंगुली उठाने का मौका मिल गया। यह कृत्य देशद्रोह के समान है और ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
-सतपाल नरवत, प्रधान नहरपार किसान संघर्ष समिति
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ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ लोग लालकिले में घुसे और पुलिस पर पथराव, डंडा, राड से हमला किया गया। किसान कभी भी पुलिस पर पथराव, हमला नहीं कर सकता। किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए जानबूझ कर परेड के दौरान शरारती तत्वों ने गलत रास्ता चुना। ये राष्ट्रद्रोह का काम किया है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
-रचना शर्मा, चेयरमैन, किसान संघर्ष समिति आइएमटी
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यूं ही नहीं इतनी आसानी से लाल किले पर झंडा फहराया जाता है, अंग्रेजों के खिलाफ सदियों तक का संघर्ष और लाखों लोगों के त्याग और बलिदान से वहां तिरंगा झंडा फहराया गया था और यह निरंतर, निर्बाध फहराता रहे, उसके लिए आजादी के बाद भी हजारों सैनिकों, पुलिस के जवानों और अन्य लोगों ने शहादत दी है। दिल्ली में अराजकता करने वाले और लालकिले में अपना झंडा फहराने वाले चाहे किसी भी पार्टी, समुदाय, संगठन के हों, उनका कृत्य भर्त्सना योग्य ही है। जो कल हुआ वह भीड़ द्वारा की गई मात्र एक शरारत नहीं, एक बहुत ही शर्मनाक व निदनीय कुकृत्य है। राष्ट्र का नाम बदनाम हुआ है। यह माफ करने लायक कृत्य नहीं है।
-मदन चावला, सामाजिक कार्यकर्ता
--------- विधायक राजेश नागर ने की कड़ी निदा तिगांव क्षेत्र से भाजपा विधायक राजेश नागर ने कहा कि करीब दो महीने से किसानों के नाम पर जो भी हो रहा है, उसे पूरा देश और दुनिया देख रही है। इतने वर्षों से इस देश में किसानों के प्रति सोचने वाली मजबूत सरकार आई है, जिससे कुछ लोग डरे हुए हैं। वह किसान आंदोलन की आड़ में अपने मंसूबे पूरा करना चाहते हैं। देश तोड़ने और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। लालकिले में घुसने वाले, अराजकता फैलाने वाले किसान नहीं हो सकते। ऐसे लोगों ने देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया, देश की जनता के साथ धोखा किया है। अब वह एक दूसरे पर आरोप लगाकर खुद को पाक साफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना से अब पर्दा पूरी तरह से हट गया है। विधायक ने किसानों से अपील है कि ऐसे लोगों से दूर रहें।