बदला मौसम का मिजाज, रखें सेहत का ध्यान

जिले में कई दिनों बाद शुक्रवार को फिर से ठंड महसूस की लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Dec 2020 07:53 PM (IST) Updated:Fri, 11 Dec 2020 07:53 PM (IST)
बदला मौसम का मिजाज, रखें सेहत का ध्यान
बदला मौसम का मिजाज, रखें सेहत का ध्यान

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिले में कई दिनों बाद शुक्रवार को फिर से ठंड महसूस की गई। दोपहर तक आसमान पर बादल छाये हुए थे। दोपहर बाद ही सूर्य देव के दर्शन हुए। पिछले महीने नवंबर में थोडी सी सर्दी का अहसास हुआ था, पर बाद में कई दिनों तक मौसम का मिजाज बदला रहा। तेज धूप निकलने के चलते सर्दी महसूस नहीं हो रही थी। अब फिर मौसम ने करवट ली है। बृहस्पतिवार के मुकाबले अधिकतम तापमान में भी तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस था, जबकि न्यूनतम 11 डिग्री, वहीं शुक्रवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री व न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

मौसम के मिजाज को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। बदलता मौसम कोरोना काल में बच्चों तथा बुजुर्गों की सेहत पर असर डाल सकता है। अगर सावधानी नहीं बरती गई, तो आने वाले दिनों में बुखार, जुकाम और खांसी के मामले बढ़ेंगे। जिला नागरिक अस्पताल के प्रशासक डा.राजेश धीमान के अनुसार बादशाह खान अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 1500 के मरीज आते हैं। मौसम अब बदलना शुरू हुआ है, ऐसे में आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया बच्चों को अधिक प्रभावित करते हैं या उन लोगों पर, जिनमें रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। इसलिए बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। बच्चों का ऐसे रखें ध्यान

-सूर्य की किरणों से ऊर्जा मिलती है। ऐसे में ध्यान रहे कि इन दिनों अच्छी सेहत के लिए बुजुर्गों और बच्चों के लिए धूप में बैठना बहुत उपयोगी है।

-इन दिनों बच्चों के आसपास कभी भी रूम हीटर का इस्तेमाल न करें। हीटर से निकलने वाली सूखी हवा बच्चों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।

-सर्दी में बच्चों को प्रतिदिन नहीं नहलाना चाहिए, जरूरी समझें, तो गुनगुने पानी में तौलिया भिगोकर उनके शरीर को साफ करें।

-खान-पान के मामले में भी ध्यान दें, तो बेहतर है। नवजात और शिशुओं के लिए यह मौसम संवेदनशील है। पहनावे और खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है। अभिभावक बच्चों को जुराबें और टोपी पहना कर रखें।

-डा. अनिल गोयल, बाल रोग विशेषज्ञ तथा पूर्व जिलाध्यक्ष, आइएमए।

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