वंचित बच्चों का जीवन संवार रहीं डॉ.हेमलता
तेज रफ्तार के इस दौर में कामकाजी माता-पिता अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं, इसके चलते बच्चों की परवरिश पर भी असर पड़ता है। ऐसे दौर में सामाजिक संस्था शरद फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ. हेमलता शर्मा जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। शरद फाउंडेशन की ओर से सेक्टर-21 में स्लम बस्तियों के बच्चों को पढ़ाया जाता है।
अनिल बेताब, फरीदाबाद : तेज रफ्तार के इस दौर में कामकाजी माता-पिता अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं, इसके चलते बच्चों की परवरिश पर भी असर पड़ता है। ऐसे दौर में सामाजिक संस्था शरद फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ.हेमलता शर्मा जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। शरद फाउंडेशन की ओर से सेक्टर-21 में स्लम बस्तियों के बच्चों को पढ़ाया जाता है।
यहां अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को शिक्षक निश्शुल्क पढ़ाते हैं। हालांकि ये सभी बच्चे दिन में किसी सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। शाम को शरद फाउंउेशन की कक्षा में आते हैं। शरद फाउंडेशन का मकसद है कि बच्चों का समय रचनात्मक कार्यों में ही बीते, वे पढ़ें या फिर अपनी रुचि के मुताबिक कला में निपुण हों। इतना ही नहीं, यहां कई युवतियों को निश्शुल्क कु¨कग, ब्यूटी पार्लर, एंब्रॉयडरी और संगीत का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। एक तरफ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी डॉ. हेमलता शर्मा पर है, वहीं युवतियों को अलग-अलग प्रशिक्षण देकर उनके जीवन स्तर को भी संवारा जा रहा है। ऐसे हुई थी फाउंडेशन की शुरुआत
शरद फाउंडेशन से 400 से ज्यादा बच्चे जुड़े हैं। पांच वर्ष से ऊपर के बच्चे जुड़े हैं तो 40 वर्ष तक की महिलाएं भी हैं। इस संस्थान की शुरुआत वर्ष 2010 में की थी। डॉ. हेमलता कसे समाजसेवा की प्रेरणा पिता डॉ. श्यामनारायण पांडेय से मिली। शरद फाउंडेशन के बैनर तले सेक्टर 21 में जो केंद्र चल रहा है, उनमें से अधिकांश बच्चे सरकारी और कई निजी स्कूल में पढ़ रहे हैं। यहां शाम को प्रतिदिन कक्षाओं में गणित, अंग्रेजी तथा विज्ञान विषय पढ़ाया जाता है। शुरुआती दौर में नीतू सेठी, राजेश कुमार कश्यप,आशा शर्मा, शकुंतला तथा कविता अदलक्खा सेवा को आगे आए थे। दो बच्चों से इस संस्था की शुरुआत की गई थी। हम सभी बच्चों की देखरेख परिवार के सदस्यों की तरह करते हैं। यहां बच्चों का जन्मदिन भी मनाया जाता हैं। मेरा मकसद है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। किसी बच्चे को हाथ फैलाने की जरूरत न पड़े, बल्कि वे स्कूल जाएं और पढ़-लिख कर घर-परिवार के साथ देश के लिए अपना योगदान दें। इसी सोच के साथ समय-समय पर सांस्कृतिक व देशभक्ति से जुड़े कार्यक्रम भी किए जाते हैं।
-डॉ. हेमलता शर्मा, अध्यक्ष, शरद फाउंडेशन।