एक्सप्रेस-वे बनना ठीक, पर सर्विस रोड तो मत भूलो

दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण तो शुरू हो गया है पर बाईपास पर सर्विस लेन न बनने से वाहन चालकों के समक्ष दुश्वारियां खड़ी हो गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 07:31 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 07:31 PM (IST)
एक्सप्रेस-वे बनना ठीक, पर सर्विस रोड तो मत भूलो
एक्सप्रेस-वे बनना ठीक, पर सर्विस रोड तो मत भूलो

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण तो शुरू हो गया है, पर बाईपास पर सर्विस लेन न बनने से वाहन चालकों के समक्ष दुश्वारियां खड़ी हो गई हैं। एक्सप्रेस-वे का काम शुरू होने से पहले छह लेन वाले बाईपास से जहां वाहन चालक सुरक्षित आवागमन करते थे, वहीं अब बाईपास पर वाहनों के लिए केवल सिगल लेन छोड़ रखी है, वह भी जर्जर हाल में है। जहां-जहां निर्माण कार्य चल रहा है, वहां निर्माण कंपनी की ओर से बेरिकेडिग कर दी गई है। रोज वाहन चलने के साथ धूल उड़ती रहती है। दिन ढलते ही अंधेरा छा जाता है। यहां लगी अधिकतर लाइटें खराब हैं। अब रोजाना हजारों वाहन चालक जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं।

बाईपास को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टेकओवर कर लिया है, इसलिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण कार्रवाई नहीं कर सकता। निर्माण कंपनी की निगरानी न होने की वजह से हजारों वाहन चालक परेशान हैं।

सीसीटीवी कैमरे भी हटाए

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बाईपास पर कई महीने पहले प्रत्येक चौराहे पर चार से छह सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। अब इस पर एक्सप्रेस-वे के तहत फ्लाईओवर बनने हैं, इसलिए अधिकतर चौराहे से कैमरे हटा लिए गए हैं। इससे लाखों रुपये की बर्बादी हो गई है। सभी चौराहों पर सिग्नल भी बंद पड़े हैं, इसलिए चौराहों पर गलत दिशा में चलने वाले वाहन चालकों की संख्या बढ़ गई है।

किनारे लगे हैं मिट्टी के ढेर

एक्सप्रेस-वे के लिए पिलर्स बनाने का काम चल रहा है। इसलिए खोदाई के बाद मिट्टी को बाईपास किनारे डाला जा रहा है। कई जगह टीले बन गए हैं। हवा चलते ही यह मिट्टी उड़ती रहती है। इससे वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है। वाहन चालकों को भी परेशानी हो रही है।

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पलवल की ओर से बदरपुर बार्डर तक जाने के लिए 26 किलोमीटर बाईपास काफी अहम है। लेकिन जब से यहां एक्सप्रेस-वे का काम शुरू हुआ है, तभी से हालत खराब हो गई है।

- दीपक यादव, सेक्टर-29।

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बाईपास से रोज आना-जाना होता है। सबसे अधिक खतरा दिन ढलने के बाद रहता है। अंधेरे की वजह से संभलकर चलना पड़ रहा है। अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

- नरेंद्र शर्मा, बड़ौली।

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सर्विस रोड बनाने के लिए कई अड़चनें आ रही हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से जमीन नहीं मिल पा रही है। कहीं झुग्गी हैं तो कहीं ट्यूबवेल आ रहे हैं। इस बारे में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।

- हर्ष कौशिक, प्रबंधक, कंस्ट्रक्शन कंपनी।

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बाईपास पर आ रही अड़चनों के समाधान का प्रयास किया जा रहा है। कंस्ट्रक्शन कंपनी को सर्विस रोड बनवाने के लिए कहा जाएगा।

- मोनिका गुप्ता, प्रशासक, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण।

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