शाही तालाब के सामने अवैध निर्माण बने सिरदर्द
रानी की छतरी और तालाब के साथ राजमार्ग किनारे बने अवैध निर्माण सिरदर्द बन गए हैं।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : रानी की छतरी और तालाब के साथ राजमार्ग किनारे बने अवैध निर्माण को हटाना प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इन निर्माणों को हटाने के लिए ठेकेदार कई बार लिखित में शिकायत कर चुके हैं, पर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
रानी की छतरी और तालाब का 1.20 करोड़ रुपये की लागत से सरकार द्वारा जीर्णोद्धार का काम कराया जा रहा है। राजस्थान के कारीगर ठेकेदार जगदीश को कार्य का ठेका दिया गया है। काम की देख-रेख इंटेक संस्था फरीदाबाद कर रही है। अब दोनों स्थल के जीर्णोद्धार का काम 80 फीसद पूरा हो चुका है। इन दोनों स्थल को देखने से लगता है कि जैसे इनका निर्माण दो-चार वर्ष पहले ही किया गया हो। इन दोनों स्थल की भव्यता अभी राजमार्ग किनारे बने अवैध निर्माणों के चलते कम दिखाई दे रही है। सही मायने में इन दोनों का सुंदरीकरण अवैध निर्माणों के हटने के बाद और भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। ठेकेदार जगदीश का कहना है कि अवैध निर्माणों को हटाने के लिए कई बार निगम अधिकारियों को लिख कर दे चुके हैं। अभी तक इस मामले में निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है। मैंने निगमायुक्त से राजमार्ग किनारे बने अवैध निर्माणों को हटाने के लिए 20 दिन पहले भी बातचीत की है। उन्होंने इस मामले में लिखकर देने के लिए कहा है। नवंबर में मुख्यमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन करवाएंगे।
-आनंद मेहता, अध्यक्ष इंटेक फरीदाबाद राजमार्ग किनारे बने अवैध निर्माणों को हटाने के लिए जल्दी ही सरकार के स्तर पर मुख्यमंत्री से बातचीत की जाएगी। जीर्णोद्धार के बाद दोनों स्थल पर्यटन की ²ष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनके सुंदरीकरण में किसी भी तरह की कोताही नहीं रहने दी जाएगी।
-मूलचंद शर्मा, परिवहन मंत्री