नवंबर में ही छह महीनों के बराबर संक्रमित हुए लोग
नवंबर में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर रहा। अकेले नवंबर में ही 14000 से ज्यादा मामले आए।
अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद : नवंबर में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर रहा। अकेले नवंबर में छह महीने के बराबर कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं। नवंबर में 14899 कोरोना के मामले आए। इससे पूर्व 14 हजार आंकड़े तक पहुंचने में अप्रैल से सितंबर तक का समय लग गया था। स्वास्थ्य अधिकारियों की माने, तो नवंबर में कोरोना संक्रमण बढ़ने का मुख्य कारण त्योहारी सीजन रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिलेवासी कोरोना संक्रमण को लेकर नियमों की अनदेखी कर रहे थे। वह मास्क एवं शारीरिक दूरी को भूल गए थे। इसका ही प्रभाव नवंबर में देखने को मिला। नवंबर त्योहारी सीजन रहा था। जिलेवासी कोरोना के नियमों को भूलकर बाजारों में दीपावली एवं छठ की खरीदारी करने पहुंच गए। लोग खरीदे हुए सामान के साथ कोरोना संक्रमण को भी साथ घर ले जा रहे थे। वहीं दुकानदारों ने भी कोरोना से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हुए थे। इसके चलते कोरोना संक्रमण में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। इसके अलावा कोरोना संक्रमण को बढ़ाने में बदलते मौसम ने भी अहम भूमिका निभाई है। नवंबर में मौसम में बदलाव होने लगा था और ठंड ने दस्तक दे दी थी। स्वास्थ्य अधिकारी पहले ही आशंका जता चुके थे कि ठंड में संक्रमण कई गुना बढ़ सकता है और उसका प्रभाव देखने को भी मिला। सितंबर में हुए 14 हजार मामले
सितंबर महीने तक कोरोना के औसतन 80 मामले आ रहे थे। 14 हजार के आंकड़े तक पहुंचने में पांच महीने का समय लगाया था। 9 सितंबर तक 14719 मामले थे। वहीं नवंबर में महज 28 दिन में 14 हजार मामले हो गए थे और 30 नवंबर तक यह आंकड़ा 14899 हो गया था। प्रतिदिन औसतन 500 लोग संक्रमित हुए थे। सबसे अधिक मौतें हुईं
नवंबर में संक्रमितों के अलावा अधिक मौत भी हुई हैं। पिछले महीने 41 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। किसी भी महीने में इतने अधिक कोरोना संक्रमितों की मौत नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी ओर से संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करने का पूरा प्रयास किया और इसमें कामयाब भी रहा। यदि लोगों ने कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन सख्ती से किया होता, तो नवंबर में कोरोना संक्रमण नियंत्रित रहता।
-रणदीप सिंह पूनिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी