कोरोना से थोड़ा सा तो डरो-ना

जनपद के सबसे बड़े गांव तिगांव का बाजार जहां आसपास के 20 से अधिक गांव के लोगो आते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:53 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 08:53 PM (IST)
कोरोना से थोड़ा सा तो डरो-ना
कोरोना से थोड़ा सा तो डरो-ना

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद : जनपद के सबसे बड़े गांव तिगांव का बाजार, जहां आसपास के 20 से अधिक ग्रामीण खरीदारी के लिए आते हैं। शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे सब्जी मंडी में सब्जी विक्रेताओं की दुकानें लगी हुई हैं। ग्राहक हैं लेकिन कम। एक तरफ फल विक्रेता ग्राहकों के इंतजार में हैं। लेकिन ये क्या जिधर नजर दौड़ाओं किसी के चेहरे पर मास्क नहीं, कोई शारीरिक दूरी नहीं। ऐसा लग रहा है जैसे इनके लिए कोरोना नाम की कोई महामारी है ही नहीं। यह घोर लापरवाही तो तब हो रही है जब जिले में कोरोना का कहर बढ़ रहा है। रोजाना 500 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। 2 से 5 मौतें भी हो रही हैं। दैनिक जागरण ने ग्रामीण अंचल में कोरोना के प्रति ग्रामीणों की सजगता को लेकर पड़ताल की, जिसमें ग्रामीण बेहद लापरवाह नजर आए। ग्रामीणों की यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। शासन-प्रशासन गंभीर, लेकिन ग्रामीण नहीं

अब शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसे इस महामारी के बारे में पूरी जानकारी न हो। शासन-प्रशासन सभी बस कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में जुटे हुए हैं। शहरवासी तो चेहरे पर मास्क लगाए बाहर नहीं आते लेकिन हैरानी भरी बात यह है कि ग्रामीण अंचल में इस महामारी के प्रति डर गायब है। लोग कोरोना को लेकर बात तो करते हैं लेकिन बचाव किस चिड़िया का नाम है, इसे लेकर तनिक भी गंभीर नहीं हैं। यहां बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सहित सभी आमजन बगैर मास्क, शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ..लेकिन चौका रहे मौत के आंकड़े

चौकाने वाली बात यह भी है कि जिलेभर में शुक्रवार तक कोरोना से कुल 326 मौत हुई हैं, हालांकि इनमें 15 फीसद आंकड़ा ग्रामीण क्षेत्र का ही है। ऐसा ही आंकड़ा कुछ संक्रमितों का भी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह मानते हैं कि ग्रामीणों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता शहरवासियों के मुकाबले बेहतर होती है, पर ऐसा भी हो सकता है कि ग्रामीण कोरोना टेस्ट कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, इसलिए संक्रमितों के बारे में पता नहीं लग पा रहा है, लेकिन लापरवाही किसी भी स्तर पर नहीं होनी चाहिए। कम नहीं हुई हुक्के की गुड़गुड़ाहट

ग्रामीण अंचल में चौपाल की शान माने जाने वाले हुक्का की गुड़गुड़ाहट पर तनिक भी असर नहीं पड़ रहा है। जहां देखो चार-छह ग्रामीण हुक्का गुड़गुड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। खुशी का मौका हो या गम, ग्रामीण खूब जुट रहे हैं। कोई शारीरिक दूरी नहीं। यहां हो रही शादियों में तो पहले की तरह खूब लोग जुट रहे हैं। कोरोना महामारी से बचाव करना बेहद जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जागरूकता वैन भी हर गांव में जा रही है। सभी को बेहद सावधानी बरतनी होगी। लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है।

-यशपाल यादव, जिला उपायुक्त।

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