कोरोना सैंपलिग बढ़ी, तो कम हुए गंभीर मरीज
जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए स्वास्थ विभाग ने सैंपलिग क्षमता को बढ़ाया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ विभाग ने सैंपलिग क्षमता को बढ़ाया है। इसका सकारात्मक प्रभाव अब गंभीर मरीजों की संख्या में कमी के रूप में सामने आ रहा है। सैंपलिग बढ़ने से कोरोना संक्रमितों की पहचान शुरुआत में ही हो रही है। इससे वक्त पर इलाज मिलने से संक्रमण पर काबू पा लिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, एक लाख की आबादी में साढ़े चार हजार से अधिक लोगों की सैंपलिग हो रही है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी लैब व ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज के अलावा कोरोना संक्रमण वाले क्षेत्रों में सैंपलिग हो रही थी। इससे सैंपलिग प्रक्रिया बहुत ही धीमी थी। वहीं अब कई प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों एवं आरडब्ल्यूए के सहयोग से कोरोना जांच शिविर होने से सैंपलिग में तेजी आ गई है। एक सप्ताह पूर्व 28 जुलाई को महज एक लाख लोगों में महज 2086 लोगों की सैंपलिग हुई थी। वहीं 30 जुलाई को सैंपलिग बढ़कर 2580 पहुंच गई, जबकि 31 जुलाई को ये आंकड़ा बढ़कर 4169, एक अगस्त को 4391 और दो अगस्त को बढ़कर 4579 हो गया। अस्पतालों में कम हुए मरीज
वर्तमान अस्पतालों में महज 246 मरीज ही उपचाराधीन हैं, जबकि होम आइसोलेशन में 928 मरीजों को रखा गया है। दो अगस्त के आंकड़ों के अनुसार, 36 गंभीर मरीज है, इनमें से महज छह मरीज ही वेंटिलेटर पर हैं। मृत्युदर भी हुई कम
एक सप्ताह पूर्व तक रोजाना दो से तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही थी और संक्रमितों की मृत्युदर 1.6 फीसद थी। ये अब एक फीसद रह गई है। मौत के आंकड़ों में भी ठहराव आने लगा है। अब पहले की तरह प्रतिदिन चार-पांच कोरोना संक्रमितों की मौत नहीं हो रही है। वर्जन..
हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक सैंपल लिए जाए। पिछले कुछ दिनों में कोरोना जांच के लिए लगाए शिविर में 35 हजार सैंपल लिए गए। इनमें से दो हजार की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे।
- डा. रणदीप सिंह पूनिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी