समाजसेवा के क्षेत्र में जाना ही संदिशा का सपना
सीबीएसई द्वारा जारी किए गए 12वीं कक्षा के परिणाम में जिले में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली संदिशा के जीवन पर मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियों वहीं मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे ने गहरा प्रभाव डाला है और वह समाज सेवा के क्षेत्र में अपना भविष्य सवांरना चाहती हैं।
अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद : सीबीएसई द्वारा जारी 12वीं कक्षा के परिणाम में जिले में दूसरा स्थान पाने वाली संदिशा के जीवन पर मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियों 'वही मनुष्य है, जो मनुष्य के लिए मरे', ने गहरा प्रभाव डाला है। वह समाजसेवा के क्षेत्र में अपना भविष्य संवारना चाहती हैं। इनके पिता अनिल कुमार एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में वित्त विभाग में उच्च पद पर हैं। इसके चलते उनके ट्रांसफर होते रहे हैं। संदिशा ने अपनी पढ़ाई लुधियाना, मुंबई और फरीदाबाद में की है।
स्कूल में विभिन्न विषयों पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में सक्रिय रूप से भाग लेने वाली संदिशा ने बताया कि कई विषयों के बारे में जानकर ऐसा लगता था कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं। महापुरुषों की कहानियां एवं सामाजिक समस्याओं को सुनकर समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली और समाजसेवा में जाने का निर्णय लिया। संदिशा अपनी मां सुप्रिया, जो एक गृहिणी हैं, को अपना सच्ची मित्र मानती हैं। वे कहती हैं कि उन्होंने हर कदम पर उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय डीपीएस ग्रेटर फरीदाबाद की प्रधानाचार्या सुरजीत खन्ना, प्रो-चेयरमैन रोहित जैनेंद्र जैन एवं अन्य अध्यापिकाओं को दिया है। उनकी एक बड़ी बहन है, जो टैक्सटाइल की पढ़ाई कर रही हैं।