दोबारा जांच में रद हुए 4325 आवेदन
बीपीएल सर्वे की जांच में नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता (जेई) का खेल सामने आया है।
अनिल बेताब, फरीदाबाद : बीपीएल सर्वे की जांच में नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता (जेई) का खेल सामने आ रहा है। बीपीएल कार्ड बनवाने को किए गए आवेदन की रिपोर्ट आने के बाद जब दोबारा से जांच कराई गई, तो इस बात की पुष्टि हुई। गरीबों का हक मारने की कोशिश करने वाले 4325 लोगों के आवेदन रद किए गए हैं।
जून 2019 से अक्टूबर, 20 तक पहले और दूसरे चरण में 4973 लोगों ने बीपीएल सूची में नाम दर्ज करवाने को आवेदन किया था। इनमें से 648 वास्तविक हकदार पाए गए। यानी करीब 13 फीसद आवेदक सही पाए गए। इन दिनों तीसरे चरण के बीपीएल कार्ड के आवेदन और सर्वे का काम चल रहा है। नगर निगम के 40 वार्डों से अब तक 46675 आवेदन आए हैं। इनमें से वार्ड नंबर 3, 7 और 9 के जेई की ओर से रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इन तीन वार्डों से 4384 आवेदन आए हैं। जेई की ओर से 2143 आवेदन मंजूर किए गए हैं। इस रिकार्ड से साफ है कि जेई ने करीब 50 फीसद आवेदन को मंजूरी दे दी है। बता दें कि शहरी क्षेत्र में बीपीएल राशन कार्ड बनवाने लिए जून, 2019 में ई-दिशा पोर्टल पर पहले चरण में 1052 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से 97 आवेदन मंजूर किए गए थे।
दूसरे चरण में इसी वर्ष अक्टूबर में 3901 आवेदन में से 551 आवेदन सही पाए गए थे। आवेदन आने के बाद नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता(जेई)डोर टू डोर सर्वे करके रिपोर्ट तैयार करते हैं। इसके बाद एचसीएस स्तर के अधिकारी या नगर निगम के संयुक्त आयुक्त की ओर से फिर से आवेदन पत्र की जांच की जाती है। फील्ड विजिट भी किया जाता है। इन दिनों जेई को खुश करके बहुत से लोग अपने हक में रिपोर्ट बनवा रहे हैं। कई दिनों पहले एसी नगर और मिल्हार्ड कालोनी से ऐसी शिकायतें आई थीं। दोबारा जांच किए जाने पर अलग ही तस्वीर सामने आती है, तो आवेदन रद कर दिया जाता है। अनिवार्य शर्तें, ऐसे परिवार नहीं बन सकते पात्र
-जिनके पास थ्री व्हीलर या फोर व्हीलर हो।
-परिवार का कोई भी सदस्य केंद्र, राज्य सरकार, निगम या किसी बोर्ड का कर्मचारी हो।
-परिवार की कुल वार्षिक आय 1.80 लाख या इससे अधिक हो।
-परिवार का कोई भी सदस्य आय कर दाता हो।
-परिवार के किसी भी सदस्य के पास जीएसटी नंबर हो।
-घर के कमरों की संख्या 2 या इससे अधिक हो।
-परिवार के पास फ्रिज या एसी हो।
-परिवार के पास लैंडलाइन फोन हो। बीपीएल कार्ड के सर्वे में कई खामियों की बात सामने आ रही है। गरीबों को उनका हक मिलना चाहिए। अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए, ताकि गलत रिपोर्ट न बने।
-मुकेश शर्मा, पूर्व वरिष्ठ उप महापौर। कई वार्डों में जेई की शिकायतें हैं कि वे गलत रिपोर्ट बना रहे हैं। मैं इस बारे में निगमायुक्त डा. यश गर्ग से भी शिकायत करूंगा।
-महेंद्र सिंह, वार्ड 9 का पार्षद। बीपीएल कार्ड के लिए आवेदन के बाद सर्वे होता है। आवेदक के घर जाकर जांच की जाती है कि क्या परिवार वास्तव में हकदार है या नहीं। वास्तविक हकदार का ही कार्ड बनाया जाता है।
-डा. यश गर्ग, निगमायुक्त।