ये लापरवाही, कहीं पड़ न जाए भारी
कोरोना वायरस से बचाव के लिए चिकित्सकों और कर्मचारियों द्वारा पहनी जाने वाली पीपीई किट व ग्लब्स को डिस्पोज करने को लेकर लापरवाही सामने आई है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कोरोना वायरस से बचाव के लिए चिकित्सकों और कर्मचारियों द्वारा पहने जाने वाले पीपीई किट व ग्लव्स को डिस्पोज करने की बजाय उसे यूं ही खुले में फेंका जा रहा है। हैरत की बात यह भी कि यह सब मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आवास से कुछ दूरी पर हो रहा है। इसके बावजूद वे इससे अनजान हैं। यह लापरवाही कोरोना के संक्रमण को बढ़ा सकती है और आसपास के लोगों के लिए भारी पड़ सकती है।
वैश्विक महामारी कोरोना जिले में अब तक 103 कोरोना संक्रमित की जान ले चुका है और पांच हजार से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इस संक्रमण से बचाव के लिए लगातार सरकार और जिले के अधिकारी अपील कर रहे हैं, पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ही कोरोना की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों पर पलीता लगा रहे हैं। पीपीई किट व ग्लब्स एवं मास्क को खुले में फेंकने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। यदि खुले में पड़ी पीपीई किट व ग्लब्स तक आवारा पशु पहुंच गए, तो कोरोना संक्रमण उनके जरिए और भयावहता के साथ फैलने की आशंका बढ़ सकती है। व्यवस्थित डिस्पोजल है आवश्यक
कोरोना संक्रमितों का इलाज में जुटे चिकित्सकों, सैंपल लेने वाले लैब टेक्नीशियन, संक्रमित को घर से लाकर अस्पताल में भर्ती करने वाले विभाग के कर्मचारी व एंबुलेंस चालक के लिए पीपीई किट अनिवार्य है। सैंपलिग एवं इलाज के दौरान संक्रमित के संपर्क में आने आने से पीपीई किट में भी कोरोना का संक्रमण हो जाता है। यदि इसे सुरक्षित तरीके से नहीं उतारा जाए, तो स्वास्थ्यकर्मी के संक्रमण की चपेट में आने की आशंका रहती है। पीपीई किट, ग्लब्स व मास्क को डिस्पोज करने के लिए अलग से व्यवस्था होना चाहिए। इन्हें जहां-तहां फेंक रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। वर्जन.
इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। यदि मेरे आवास के पास पीपीई किट खुले में पड़ी हैं, तो उन्हें उठवाया जाएगा और खुले में पीपीई किट, मास्क और ग्लव्स फेंकने वालों को जवाब तलब जाएगा।
- डॉ. रणदीप सिंह पूनिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।