सक्रिय हैं क्रिप्टो करेंसी में निवेश का झांसा देने वाले साइबर ठग
क्रिप्टो करंसी या बिटकाइन में निवेश का झांसा देकर ठगी करने वाले सक्रिय हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : क्रिप्टो करेंसी या बिटकाइन में निवेश का झांसा देकर ठगी करना साइबर ठगों का नया पैंतरा है। इस तरीके से शहर में आधा दर्जन लोग साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। साइबर थाने में इस मामले में लोग शिकायत लेकर पहुंचे हैं। साइबर पुलिस अभी मामले की जांच में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि काफी लोग इस तरह की धोखाधड़ी में पुलिस के पास इसलिए नहीं आते हैं क्योंकि वे डरते हैं कि जिस राशि को उन्होंने निवेश किया है, पुलिस उसका स्त्रोत पूछ सकती है। ऐसे में यह लोग साइबर ठगों का शिकार ज्यादा बन जाते हैं।
एनआइटी थाना क्षेत्र निवासी युवक ने पुलिस को बताया कि उसके फेसबुक पर काफी दिनों से कोई व्यक्ति जुड़ा हुआ था। उसने जल्दी पैसे दोगुने करने की स्कीम समझाई। इसके बाद उसने एक एप का लिक भेजकर आइडी प्रूफ के साथ उसपर लाग-इन करने को कहा। लाग-इन के बाद उस पर उसका एक अकाउंट बन गया। आरोपित ने उसे बताया कि इसपर वो पैसे निवेश करके कुछ ही दिनों में अपने पैसे दोगुने कर सकता है। युवक ने शुरुआत में मात्र 10 हजार रुपये निवेश किए, जिसके बाद उसके एप के वालेट में कुछ क्वाइन आ गए। ये क्वाइन एक महीने में डबल हो गए। ठग ने संपर्क कर बताया कि उसके पैसे डबल हो गए हैं। मगर वो अभी 10 फीसद क्वाइन ही निकाल सकता है। ऐसे में पप्पू ने और भी पैसे निवेश कर दिए। मई महीने तक वह इस एप में करीब 12 लाख रुपये निवेश कर चुका था। इसके बाद एक दिन ये एप खुलना बंद हो गई। तब युवक को समझ आया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। चाइना से बैठ कर हो रही है धोखाधड़ी
पुलिस ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी और बिटकाइन के नाम पर साइबर ठग एप व वेबसाइट तैयार करते हैं, जिसके बाद इसमें इंटरनेशनल गेटवे के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करवाते हैं। कुछ महीनों तक वे छोटा-छोटा फायदा यूजर को देते हैं। जब उनके पास एक मोटी रकम आ चुकी होती है तो वे इन एप व वेबसाइट को क्रैश कर फरार हो लेते हैं। यह धंधा देश में जोर शोर से चल रहा है। इस तरह की कई एप व वेबसाइट को चाइना से देश में चलाया जा रहा है। क्रिप्टो करेंसी क्या होती है?
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल मुद्रा होती है, जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है और आमतौर पर इसे कानूनी मान्यता भी नहीं मिली होती है। लेकिन लोग अवैध तरीके से लेन-देन में इसका इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की करंसी को बेहद जटिल कोड से तैयार किया जाता है और इसे बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है। इसे कोई सरकार या विनियामक अथारिटी नहीं जारी करती है। क्रिप्टो करेंसी और बिटकाइन से जुड़ी धोखाधड़ी की कुछ शिकायतें साइबर थाने में आई हैं। इस मामले में साइबर थाने की पुलिस टीम जांच कर रही हैं। जल्द ही इस मामले में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
-बसंत कुमार, इंस्पेक्टर, साइबर थाना प्रभारी