बंधवाड़ी में कूड़े के पहाड़ से निकल रहा दूषित पानी

बंधवाड़ी स्थित कूड़े के पहाड़ से निकलने वाला दूषित पानी अब आमजन ही नहीं जीव-जंतुओं के लिए घातक हो गया है। बारिश के बाद कूड़े के ढेर के नीचे से दूषित पानी अब मांगर के जंगल में कई जगह गड्ढों में भर गया है। पता यह भी चला है कि इसे पीने से एक गीदड़ की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 05:39 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 05:39 PM (IST)
बंधवाड़ी में कूड़े के पहाड़ 
से निकल रहा दूषित पानी
बंधवाड़ी में कूड़े के पहाड़ से निकल रहा दूषित पानी

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : बंधवाड़ी स्थित कूड़े के पहाड़ से निकलने वाला दूषित पानी अब आमजन ही नहीं जीव-जंतुओं के लिए घातक हो गया है। बारिश के बाद कूड़े के ढेर के नीचे से दूषित पानी अब मांगर के जंगल में कई जगह गड्ढों में भर गया है। पता यह भी चला है कि इसे पीने से एक गीदड़ की मौत हो गई। गीदड़ इसी पानी के गड्ढे के पानी मृत मिला। साथ ही भूजल स्तर पर भी इसका असर पड़ना शुरू हो गया है। इस गंभीर समस्या को लेकर मांगर गांव सहित आसपास बसे हुए गांव के लोग चितित हैं। इस बारे में मांगर गांव निवासी सुनील हरसाना ने एक शिकायत निगम अधिकारियों को भेजी है। कूड़े के पहाड़ पर लगा है लीचेट प्लांट

बंधवाड़ी में कई लाख टन कूड़े का पहाड़ है। कूड़े से निकलने वाले गंदे पानी के लिए यहां लीचेट प्लांट लगाया हुआ है। यहां से गंदा पानी गुरुग्राम सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है। बता दें दिसंबर 2017 से शहर में घर-घर से कूड़ा एकत्र करने का काम ईकोग्रीन कंपनी ने शुरू किया था। इस कूड़े को बंधवाड़ी प्लांट तक पहुंचाने का काम भी ईकोग्रीन का ही है। फरीदाबाद से रोजाना करीब 700 टन से ज्यादा कूड़ा एकत्र करके बंधवाड़ी पहुंचाया जा रहा है, पर वहां प्लांट बंद होने से कूड़े के पहाड़ लग गए हैं। भूजल स्तर पर पड़ रहा असर

मांगर गांव निवासी सुनील हरसाना ने बताया कि मंगलवार को वह मौके पर गए, वहां देखा कि कूड़े के नीचे से दूषित पानी मांगर के जंगल में फैल रहा है। यहां कई गड्ढे हैं जिनमें यह पानी भर गया है। हालांकि यहां दीवार बनाई हुई है, पर यह पानी रिसकर जंगल की ओर आ जाता है। इससे जीव-जंतुओं के लिए परेशानी बढ़ गई है। बंधवाड़ी में ईकोग्रीन का लीचेट प्लांट ठीक प्रकार से काम कर रहा है। मांगर की ओर गंदा पानी आ ही नहीं सकता। इस मामले में ईकोग्रीन कंपनी के अधिकारियों से बात की जाएगी।

-बिरेंद्र कर्दम, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम।

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